अजमेर। विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों के विकास तथा धर्मों के सच्चे स्वरूप से अवगत कराने के लिए संस्कृति द स्कूल में सर्वधर्म संसद व्याख्यान माला का आयोजन किया गया।
विश्व के प्रमुख धमों गुरूजनों ने इसमें भाग लिया तथा कौमी एकता तथा धर्मों की नैतिक अवधारणा पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम सर्वधर्म सभा के सचिव प्रकाश जैन के सान्निध्य में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में चित्रकूट आश्रम के पाठकजी महाराज, मुस्लिम धर्मावलम्बी सलमान चिश्ती, ईसाई धर्म से फादर कॉंस्मोस शेखावत, फादर सनी व सिस्टर शीना, जैन धर्म से सुकांत, सिख धर्म के गंज गुरूद्वारे से दिलीप सिंह छाबडा, बौद्ध धर्म के गुरू नारायण सिंह राठौड सर्वधर्म सभा के डा. एस के पटौदी ने भाग लिया।
सर्वधर्म सभा में पाठकजी महाराज ने बताया कि भारत का सनातन धर्म वसुदेव कुटुम्बकम पर आधारित है। सभी धर्म सभी सम्प्रदाय, सभी पंथ इंसानियत का पाठ पढाते हैं। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम राष्ट्र है। उसके पश्चात किसी का स्थान है एवं सबसे महान देश का सैनिक है जो कि राष्ट्र की सुरक्षा करता है।
सलमान चिश्ती ने बताया कि सभी धर्म आपसी स्नेह व भाईचारे से रहना सिखाता है कोई भी धर्म आपस में विरोध या वैमनश्यता की बात नहीं कहता।
सभी धर्म गुरूओं ने अपने अपने विचार रख कर सन्देश दिया कि धर्म का मूल सार है इन्सानियत रखना व सम्पूर्ण पृथ्वी को अपना परिवार मानना सभी धर्मगुरूओं ने भारत क गौरवशाली इतिहास पर गर्व करने के लिए प्रेरित किया।
व्याख्यान के पश्चात् धर्मं सबंधी प्रश्नों पर प्रश्नोत्तरी हुई जिसमें सभी विद्यार्थियों ने वढ़चढ़कर भाग लिया। विद्यार्थियों ने अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए विभिन्न प्रश्न पूछे जिसका धर्म गुरूओं द्वारा संतोषजनक उत्तर दिया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ होने से पूर्व सर्वधर्म सभा के सदस्यों द्वारा संस्कृति द स्कूल को ब्रिट्रीश काउन्सिल से इण्टरनेशनल अवार्ड प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय प्राचार्य ले कर्नल एके त्यागी द्वारा सम्बत धर्मगुरूओं को विद्यालय आगमन पर धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
उन्होंने विद्यार्थियों को हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, धर्म की पहचान अपनाने से पूर्व मानवता के धर्मं को अपनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन सर्वधर्म सभा के सेक्रेटरी प्रकाश चन्द जैन द्वारा किया गया।