स्पोर्ट्स डेस्क। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) की आज 114वी जयंती है। 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में जन्मे ध्यानचंद ने भारत का नाम दुनिया के कोने-कोने में नाम रोशन किया। बता दें, ध्यानचंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न के अलावा अर्जुन, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार आदि दिए जाते हैं। लेकिन अफसोस मेजर ध्यानचंद को अभी तक देश का सबसे सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न नहीं मिला। तो चलिए जानते है उनकी कुछ खास बाते-
* मात्र 16 की उम्र में ध्यानचंद सिपाही के तौर पर भारतीय सेना में भर्ती हुए। लेकिन हॉकी में उनकी काफी रूचि थी। ध्यानचंद को हॉकी खेलने के लिए प्रेरित करने का श्रेय रेजीमेंट के एक सूबेदार को है।
* 1928 एम्सटर्डम ओलिंपिक गेम्स में वह भारत की ओर से सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी थे। उन खेलों में ध्यानचंद ने 14 गोल किए। इसके बाद उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाने लगा।
* 1932 के ओलिंपिक फाइनल में भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को 24-1 से हराकर दुनिया को हैरान कर दिया था। उस मैच में ध्यानचंद ने 8 और उनके भाई रूप सिंह ने 10 गोल दागे थे। उस टूर्नामेंट में भारत की तरफ किए गए 35 गोलों में से 25 गोल इन दो भाइयों की जोड़ी ने किय। यह रिकॉर्ड 86 साल बना रहा। इसके बाद भारतीय हॉकी टीम ने 2018 में इंडोनेशिया में खेले गए एशियाई खेलों में हॉन्ग कॉन्ग को 26-0 से मात देकर 24 गोल का रिकॉर्ड तोड़ा।
* विएना के एक स्पोर्ट्स क्लब में ध्यानचंद के चार हाथों वाली मूर्ति लगी है, उनके हाथों में हॉकी स्टिक हैं।
* वह दूसरे खिलाड़ियों की अपेक्षा इतने गोल करते थे कि जाँच में उनकी हॉकी स्टिक को ही तोड़ कर जांचा गया।
* ध्यानचंद ने 1928, 1932 और 1936 ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। तीनों ही बार भारत ने गोल्ड मेडल जीता।
* ध्यानचंद को 1956 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।