नयी दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद की सुनवाई के दौरान गुरुवार को एक मुस्लिम पक्षकार से पूछा कि क्या उनकी आपत्तियों के बावजूद निर्मोही अखाड़े ने राम लला की सेवा और मंदिर प्रबंधन का अधिकार कायम कर रखा था।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने मुस्लिम पक्ष के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन से पूछा कि क्या निर्मोही अखाड़े ने उनकी आपत्तियों के बावजूद रामलला की सेवा का अधिकार कायम कर रखा था।
इस पर डॉ. धवन ने कहा,“ मुझे इसके बारे में पता लगाना होगा। मैं इसके बारे में न्यायालय को सूचना दूंगा, कृपया मुझे इसके लिए कुछ दिन का समय दें।”
उच्चतम न्यायालय अपने समक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के उस फैसले के खिलाफ दायर कई याचिकाआें की सुनवाई कर रहा है जिसके तहत अयोध्या की विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांट दिया गया था।