अजमेर। दिगंबर जैन मुनि आचार्य सुधर्म सागर जी महाराज लंबी अस्वस्थता के बाद आज चिर समाधिस्थ लीन हो गए।
उन्होंने दोपहर डेढ़ बजे अंतिम सांस ली। लंबे समय से अस्वस्थ आचार्य सुधर्म सागर महाराज के निधन से अजमेर सहित पूरे जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई। महाराज लंबे समय से जयपुर स्थित बीलवा टोंक रोड पर सुधर्म नंग परिसर में ही प्रवास कर रहे थे और अब देवलोकगमन के बाद उन्हें इसी परिसर में पूरे विधि विधान के साथ पंचतत्व में विलीन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि दिवंगत आचार्य सुधर्म सागर तपस्वी सम्राट आचार्य 108 सन्मति सागर जी महाराज तथा विमल सागर जी महाराज के शिष्य रहे। वह मूलरूप से राजस्थान में अलवर के तिजारा से गृहस्थ जीवन के पृष्ठभूमि वाले थे।