नई दिल्ली। देश में किसान आंदोलन से चिंतित सरकार ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को एक दिसंबर को बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देर रात किसान संगठनों को एक दिसंबर को अपराह्न तीन बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। किसानों के साथ मंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति बातचीत करेगी। इस बैठक में उन सभी संगठनों को निमंत्रण दिया गया है, जिन्हें पिछली बैठक में बुलाया गया था।
ठंड तथा कोविड-19 को देखते हुए यह वार्ता जल्दी रखी गई है, ताकि किसान संगठनों के सदस्यों को परेशानी नहीं हो। पूर्व में तीन दिसंबर को यह बैठक निर्धारित थी।
तोमर ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत कर समस्या का समाधान करना चाहती है। किसानों की समस्याओं को लेकर मोदी सरकार पूरी प्रतिबद्धता से खड़ी है। पिछले छह साल के दौरान कृषि और किसानों की आय बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक कार्य हुए हैं।
नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों में भ्रम हुआ है। पहले भी किसानों के साथ दो दौर की वार्ता हुई है। कृषि सचिव ने 14 अक्टूबर को बातचीत की थी जबकि 13 नवंबर को कृषि मंत्री तथा खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने किसान प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की थी।
दरअसल, कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान संगठन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंच गए हैं और पिछले कई दिनों से कई प्रमुख सड़कों को जाम किए हुए हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने पहले किसान नेताओं को सड़क जाम समाप्त कर बुराड़ी मैदान में आकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने का प्रस्ताव दिया था और कहा था कि इस व्यवस्था के लागू होने पर अगले ही दिन किसानों के साथ बातचीत की जाएगी।
किसान संगठनों ने सरकार के सशर्त बातचीत के प्रस्ताव को कल ठुकरा दिया था और लंबे समय तक आंदोलन चलाने का संकेत दिया था। आंदोलन की अगुआई पंजाब के किसान कर रहे हैं जबकि अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हो गए हैं।