जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने गार्ड ऑफ ऑनर की परिपाटी को छोड़कर नई मिशाल पेश की है। सिंह ने राज्य सरकार को इस आशय का पत्र भी भेज दिया है तथा अपने फैसले की शुरूआत गत 9 जून से कर दी है। गत दिनों 9 से 11 जून तक जोधपुर यात्रा के दौरान राज्यपाल ने स्वयं के लिए गार्ड ऑफ ऑनर की परम्परा को विराम दे दिया है।
उन्होंने राज्य सरकार को पिछली एक जनवरी को पत्र भेजा था। जिसमें राज्यपाल ने गॉर्ड ऑफ ऑनर की परंपरा एवं प्रोटोकॉल को समाप्त करने के बारे में जानकारी चाही थी।
उन्होंने इस सम्बन्ध में गृह विभाग से आवश्यक नियमों एवं प्रक्रियाओं के सम्बन्ध में पूर्ण विवेचन के साथ टिप्पणी भी मांगी थी। इस पर गृह विभाग ने 11 मई को भेजे जवाब में कहा कि राज्यपाल अपनी इच्छा के अनुरूप गार्ड ऑफ ऑनर (सम्मान गार्ड) की प्रथा को समाप्त कर सकते हैं।
सिंह ने राज्य सरकार की इस टिप्पणी के आधार पर गार्ड ऑफ ऑनर की प्रथा को समाप्त करने के लिए 13 जून को अपनी सहमति प्रदान कर दी है। सिंह की सहमति से राज्य सरकार को अवगत कराने के लिए आज पत्र भी भेज दिया गया। अब राज्यपाल के लिए राजभवन से प्रस्थान एवं आगमन और विभिन्न जिलों के दौरों के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर के प्रावधान नहीं किए जाएंगे।