सैन फ्रांसिस्को। वैज्ञानिकों के एक बेहद अहम अनुसंधान में महिलाओं में बढ़ती उम्र में हड्डियों को कमजोर और भुरभुरा करने वाले रोग ‘ऑस्टियोपोरोसिस’ से निजात ही संभव नहीं है बल्कि उसे और मजबूत बनाने में ‘चमत्कारी’ सफलता भी मिल सकेगी।
विज्ञान पत्रिका ‘नेचर कम्युनिकेशंस ’ में प्रकाशित ताजा शोध में दो विश्वविद्यालयों -यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिल्स (यूसीएलए) और यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया सैन फ्रांसिस्को(यूसीएसएफ) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि उन्होंने मस्तिष्क की कुछ ऐसी कोशिकाओं का पता लगाया है जो महिलाओं की बोन डेंसिटी(अस्थि की सघनता)को नियंत्रित करने में ‘चमत्कारिक’ भूमिका निभा सकती हैं।
वैज्ञानिकों ने चूहों पर प्रयोग के दौरान पाया कि मस्तिष्क की कुछ तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा प्रेषित किये जाने वाले विशेष सिग्नल को जब बंद कर दिया गया, खास कर चुहियों के, तो हड्डियां आश्चर्यजनक रूप से मजबूत होने लगीं। वैज्ञानिक अपने ताजा अध्ययन से इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि महिलाओं की हड्डियों को बुढ़ापे में भी मजबूत रखा जा सकता है।
वरिष्ठ शोधकर्ता यूसीएसएफ के सेलुलर एडं मलिक्यूलर/फार्माकोग्नॉसी विभााग के वाइस चांसलर एवं प्रोफेसर होली इंग्राह्म ने कहा कि हमने महिलाओं और कमजोर हड्डियों वाले अन्य लोगों के लिए एक ऐसी नयी खोज की है जिससे उनकी हड्डियों को और मजबूत बनाया जा सकता है।
सह शोधकर्ता यूसीएलए के इंटीग्रेटिव बायोलॉजी एंड फिजियोलॉजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर सेटफाइन कोरेया ने कहा कि हमने अपने पूर्व के शोध में पाया था कि हाइपोथैलेमस, जो पिट्यूटरी ग्रंथि को नियंत्रित करने समेत कई शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करने में मदद करता है, के न्यूराॅन्स में प्रोटीन ग्राही एस्ट्रोजन के आनुवांशिक रूप से खत्म होने पर चुहिया मोटी हो गई। लेकिन अब इस इस नये अनुसंधान में हमने देखा कि चुहिया की बोन डेंसिटी 800 प्रतिशत बढ़ गई।
प्रोफेसर कोरिया ने एक बयान में कहा कि महिलाओं और कमजोर हड्डियों वाले लोगों के लिए यह नया शोध एक गेम चेंजर हैं। विश्व में 20 करोड़ से अधिक लोग ऑस्टियोपाेरोसिस से ग्रस्त हैं और नये शोध ने ऐसे लोगों के लिए उम्मीद के नए दरवाजे खोल दिए है।