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DIstrict collecter issued NOC without considering NOC of city and NH intersection - Sabguru News
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इन्टरसेक्शन एनओसी के बिना जिला कलेक्टर कार्यालय ने भी जारी कर दी पेट्रोल पंप की एनओसी

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जिला कलेक्टर कार्यालय में अनापत्ति के लिए नक्शा जिसमे प्रस्तावित पेट्रोल पंप की पूर्वी सीमा की सीसीबी की दीवार से दूरी 15 मीटर और सेंटपॉल जाने वाले मार्ग से मध्य से दूरी करीब नौ मीटर बताई गई है।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही में विवादित पेट्रोल पंप को लेकर नगर परिषद के पूर्व दो आयुक्तों ने ही नहीं बल्कि वर्तमान जिला कलेक्टर ने भी आंख पर पट्टी बांधे हुई रखी। जिला कलेक्टर भंवरलाल द्वारा जारी अनापत्ति पत्र के पहले पैराग्राफ से ही स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि उन्होंने नगर परिषद की एनओसी का जिक्र तो किया, लेकिन इसमें इन्टरसेक्शन सेफ्टी रूल को फॉलो किया है या नहीं इसका ध्यान ही नहीं रखा।

इस पेट्रोल पम्प के इन्टरसेक्शन पर होने के कारण सीटीपी और एसटीपी के द्वारा पीडब्ल्यूडी की एनओसी लिया जाना भी आवश्यक बताया गया था, ना नगर परिषद ने लिया ना जिल्क़ कलेक्टर ने। एनजीटी के मापदंडों को डायल्यूट करने को लेकर राजस्व विभाग के उनके मातहतों द्वारा किये गए भौतिक सत्यापन में भी गड़बड़ी प्रथम दृष्टया नजर आ रही है।

9 सितंबर 2020 की राज्य स्तरीय भू उपयोग परिवर्तन समिति के निर्णय के अनुसार सिरोही में प्रस्तावित पेट्रोल पंप इन्टरसेक्शन पर आ रहा है इसलिए इसमें पीडब्ल्यूडी की एनओसी अनिवार्य बताई गई है।

-नगर परिषद की पत्रावली में था ये नोट

नगर परिषद के द्वारा कन्वर्जन के लिए चलाई गई पत्रावली में कनवर्जन के लिए वरिष्ठ नगर नियोजक जोधपुर की चेक लिस्ट ‘बी’ भी संलग्न है। इस चेक लिस्ट में स्पष्ट लिखा है कि क्योंकि ये पेट्रोल पम्प इन्टरसेक्शन पर पड़ता है, इस कारण एसटीपी और राज्य स्तरीय भू रूपांतरण समिति दोनो ने पीडब्ल्यूडी की एनओसी को आवश्यक बताया था। नगर परिषद के द्वारा एसटीपी को भेजी गई रिपोर्ट में सी पेट्रोल पंप के पूर्व दिशा में जा रही सड़क का जिक्र नहीं किया गया। लेकिन सेटेलाइट मैप में ये पकड़ में आ गया।
इस पेट्रोल पंप इसके सामने 80 फीट और 160 फीट रोड का इन्टरसेक्शन है। वहीं पश्चिम दिशा में नेशनल हाइवे का इन्टरसेक्शन है। ये नेशनल हाइवे पीडलयूडी के अधिकार क्षेत्र में है।  नगर परिषद के जेईएन के अनुसार मांडवा हनुमान मंदिर से अनादरा चौराहा भटकडा होते हुए जलदाय विभाग चौराहे तक का य मार्ग नगर परिषद सिरोही को हस्तांतरित कर दिया गया है। ऐसे में इसमे इन दोनो इन्टरसेक्शन के लिये पीडब्ल्यूडी और नगर परिषद दोनो की अनापत्ति ली जानी आवश्यक है।

जिला कलेक्टर कार्यालय में ही पूर्व में जिले के ही कुछ पेट्रोल पम्पो को लेकर इन्टरसेक्शन नियमों की अवहेलना को लेकर पीडब्ल्यूडी या सम्बंधित विभाग से एनओसी नहीं लेने या पैट्रोल पम्प स्थापना में इन्टरसेक्शन की अवहेलना करने की शिकायतें व आपत्तियां आ चुकी हैं। इसके बावजूद जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा जारी एनओसी में इन्टरसेक्शन को लेकर पीडब्ल्यूडी या नगर परिषद सिरोही की अनापत्ति मंगवाने के प्रयास नहीं किये गए। जिला कलेक्टर द्वारा इन्टरसेक्शन को लेकर बिना अनापत्ति के ही एनओसी जारी कर दिया जाना जन सुरक्षा के मापदंडों की अनदेखी और बड़ी लापरवाही है।

इन्टरसेक्शन पर पेट्रोल पम्प स्थापित करने की अनुमति सुरक्षा मापदण्ड के कारण नहीं दी जाती। मोड़ पर वाहनों के मुड़ते समय दुर्घटना होने पर पेट्रोल पंप के भी चपेट में आने की आशंका रहती है। इस कारण इन्टरसेक्शन पर पेट्रोल पंप की अनुमति नहीं दी जाती है। इसमें यदि कोई रियायत दी भी जानी है तो उसके लिए पीडब्ल्यूडी या स्वायत्त शासन विभाग के मुख्य अभियंता या उससे ऊपर के अधिकारी अधिकृत हैं, जिला कलेक्टर नहीं।

-प्रथम दृष्टया राजस्व विभाग की बड़ी गड़बड़ी
देश भर में जमीनों के नाप जोख के लिए आम भारतीयों को राजस्व विभाग पर भरोसा होता है। लेकिन, सिरोही में सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के निकट स्थापित होने वाले पेट्रोल पंप को लेकर जिला कलेक्टर के मातहत अधिकारियो और कार्मिकों की भूमिका भी संदेह से बाहर नहीं है।
भौतिक रूप से भी देखने पर ही स्पष्ट प्रतीक हो रहा है कि ये पेट्रोल पंप इन्टरसेक्शन पर पड़ रहा है। इसके पूर्व में जाने वाली सड़क की चौड़ाई मास्टर प्लान 2030 में 80 फीट (24.38 मीटर)  दी गई है। जबकि जिला कलेक्टर कार्यालय से आरटीआई में प्राप्त ले आउट प्लान के अनुसार इस पेट्रोल पंप की सीसीबी की दीवार से दूरी 15 मीटर यानि 49.21 फीट ही है। ऐसे में इतना मार्गाधिकार पर 80 फीट की रोड कैसे बनेगी ये जिला कलेक्टर के निर्देश पर नापजोख करवाने वाले सिरोही के एसडीएम ही बता सकते हैं।
पीडब्ल्यूडी और नगर निकायों के नियमो के अनुसार शहरों में स्थापित पेट्रोल पंपों के लिए सिटी इन्टरसेक्शन से दूरी 100 मीटर (328 फीट)करने का प्रावधान है। ओडीआर रोड के इन्टरसेक्शन से 150 मीटर और नेशनल हाइवे के इन्टरसेक्शन से 300 मीटर।
ऐसे में इस पेट्रोल पंप की सीमा पूर्वी सड़क के मध्य बिंदु से करीब 368 फीट दूरी पर होना चाहिए। ऐसा करने पर ये पेट्रोल पंप अनादरा चौराहे के नेशनल हाईवे के इन्टरसेक्शन से निर्धारित 300 मीटर की दूरी के नियम का उल्लंघन कर देता। इसके अलावा यदि इसकी सीमा सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक के पास की सड़क के मध्य से 368 फीट दूरी पर पेट्रोल पंप की सीमा शुरू करते तो पेट्रोल पम्प की पश्चिमी सीमा की दूरी निकटतम रिहायशी विवेकानन्द कॉलोनी से 50 मीटर से भी कम हो जाती जो कि एनजीटी के द्वारा निर्धारित गाइड लाइन का उल्लंघन होती।

जिला कलेक्टर कार्यालय से सूचना के अधिकार के तहत निकाली गई नोटशीट में भी उल्लेख है कि सिरोही नगर परिषद द्वारा 29 मार्च 2022 को जारी पत्र में एनजीटी की गाइड लाइन की पालना के निर्देश दिए हैं। इस नोटशीट के प्रकाश में प्रथम दृष्टया प्रतीत हो रहा है कि किस स्तर पर जिला कलेक्टर कार्यालय में भी कायदे पालने में अनदेखी हुई है।