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अजमेर में संभाग स्तरीय सड़क सुरक्षा कार्यशाला आयोजित - Sabguru News
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अजमेर में संभाग स्तरीय सड़क सुरक्षा कार्यशाला आयोजित

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अजमेर में संभाग स्तरीय सड़क सुरक्षा कार्यशाला आयोजित

अजमेर। परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ के द्वारा बुधवार को सिविल लाइन स्थित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सभागार में संभाग स्तरीय सड़क सुरक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया।

संभागीय परिवहन अधिकारी कुसुम राठौड़ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के निर्देशों की पालना में संभाग के सड़क एवं यातायात से संबंधित विभगों की एक दिवसीय संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई।

इस कार्यक्रम में सड़कों पर दुर्घटनाओं में कमी लाने तथा उससे होने वाली मृत्यु के औसत को कम करने पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में संभाग के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। संभाग के समस्त जिलों से आए जिला परिवहन अधिकारियों ने अपने जिले में सड़क सुरक्षा से संबंधित किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी।

सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ उप परिवहन आयुक्त श्रीमती निधि सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा के उपायों को अमल में लाने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं हैं। विभाग के द्वारा इस संबंध में प्राथमिकता से बजट उपलब्ध करवाया जाता है। परिस्थितिवश बजट उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में डेडिकेटेड रोड सेफ्टी फण्ड से पर्याप्त संसाधन उपलब्घ करवाए जाएंगे।

सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता एमके गुप्ता ने कहा कि इस सड़क सुरक्षा कार्यशाला की सार्थकता दुर्घटनाएं कम होने में है। सड़क निर्माण के समय सड़क सुरक्षा प्रावधानों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

दुर्घटना से बचाव के लिए निर्धारित सीमा में गतिरोध, नियमों की अनुपालना, सीटबैल्ट और हैल्मेट का उपयोग तथा नशे से दूर रहना चाहिए। इनकी शुरूआत स्वयं से करने से अन्य व्यक्ति इसका अनुसरण करेंगे। मोबाइल फोन पर बात करते समय वाहन नहीं चलाना चाहिए।

सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ के उप पुलिस अधीक्षक तेजपाल सिंह ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के द्वारा 2020 तक दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु में 50 प्रतिशत की कमी लाने के निर्देश प्रदान किए गए हैं।

पुलिस के द्वारा चालान काटने पर सबंधित चालक की काउंसलिंग की जानकी चाहिए। चालको को लेन ड्राइविंग के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ड्राइविंग लाईसेंस के निलम्बन की जानकारी चालक के थाना क्षेत्र को भी दी जानी चाहिए।

सड़क सुरक्षा सलाहकार एसएस सिंह ने कहा कि दुर्घटना के संभावित ब्लैक स्पॉट की पहचान समय-समय पर की जानी आवश्यक है। इन स्थानों पर दुर्घटना रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाने चाहिए। फुटपाथ एवं सड़क को अतिक्रमण मुक्त रखना दुर्घटना रोकने का एक उपाय है।

मुख्य सडक एवं छोटी सड़क के मिलान स्तर पर छोटी सड़क पर स्पीड कम करवाने की कार्यवाही करनी चाहिए। समय-समय पर सड़क सुरक्षा ऑडिट करवायी जानी आवश्यक है। ब्लैक स्पॉट की डीपीआर तैयार करने के संबंध में भी जानकारी प्रदान की गई।

सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ के चिकित्सा नोडल अधिकारी डॉ. एलएन पाण्डे ने कहा कि संभाग के समस्त विद्यालयों में रोड सेफ्टी क्लब बनाए जाए। इनके लिए स्थानीय शारीरिक शिक्षक को प्रभारी बनाया जाए। एम्बूलेंस दुर्घटना में घायल व्यक्ति के लिए केवल परिवहन वाहन नहीं होकर प्राथमिक उपचार प्रदाता है।

दुर्घटना के समय मदद करने वाले व्यक्तियों को उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार पुलिस केवल एक बार ही पूछताछ करेगी। उससे अपराधी की तरह व्यवहार नहीं किया जाएगा। दुर्घटना के संबंध में अस्पताल एवं पुलिस के कर्तव्य भी निर्धारित किए गए है। अस्पताल को घायल व्यक्ति के लिए प्राथमिक उपचार उपलब्ध करवाना होगा।

इस अवसर पर स्थानीय निकाय विभाग के उप निदेशक किशोर कुमार, जिला परिवहन अधिकारी प्रकाश टेहलियानी सहित संभाग के सड़क एवं यातायात से जुड़े विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।