

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में नारायण सेवा संस्थान की ओर से दिव्यांग टैलेंट एंड फैशन शो आयोजित किया गया । जिसने भी दिव्यांग कलाकारों का हुनर और आत्मविश्वास दिखाया, उसके मुंह से सिर्फ एक ही शब्द निकला- ‘वाह!‘ मौका था ‘दिव्य हीरोज 2019 – दिव्यांग टैलेंट एंड फैशन शो‘ का। मुंबई के जेवीपीडी ग्राउंड पर आयोजित शो में बडी संख्या में लोग उमड़े और उन्होंने तालियां बजाकर दिव्यांगों का हौसला बढाया।
राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित धर्मार्थ संगठन नारायण सेवा संस्थान की ओर से आयोजित ‘दिव्य हीरोज 2019‘ में दिव्यांगों ने हिस्सा लिया और लोगों के समक्ष अपनी कृतियों का प्रदर्शन किया। इवेंट के समापन दौर में दिव्यांग कलाकारों के विभिन्न समूहों ने फैशन शो के 4 राउंड में व्हीलचेयर, बैसाखी, कैलीपर्स पर और कृत्रिम अंगों के सहारे अलग-अलग श्रेणियों में परफॉर्म किया। प्रत्येक राउंड में 10 दिव्यांग कलाकारों ने रैम्प वॉक किया।
इस कार्यक्रम का सबसे प्रमुख आकर्षण दीया श्रीमाली का स्वागत नृत्य था। दीया एक ऐसी दिव्यांग कलाकार हैं, जिनके हाथ पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाए हैं। जैसे-जैसे समारोह आगे बढता गया, दर्शकों ने बैसाखी राउंड, लघु नाटक, समूह नृत्य, व्हीलचेयर राउंड और कैलीपर राउंड के बाद दिव्यांग कलाकारों का बैक टू बैक रॉकिंग प्रदर्शन देखा। इस पूरे इवेंट में जो बात सबसे महत्वपूर्ण थी, वो यह है कि दिव्यांग कलाकार भरपूर आत्मविश्वास के साथ अपनी कृतियों और हुनर को लोगों के सामने पेश कर रहे थे, चाहे रैम्प वॉक का अवसर हो या फिर मंच पर स्टंट करने का मौका ।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशांत अग्रवाल ने कहा, “इस अद्भुत शो को देखने के बाद मेरे लिए यह सब यकीन करना मुश्किल था, क्योंकि मैंने इन कलाकारों को पहले सिलाई मशीनों को संचालित करने का कौशल सीखते देखा है और फिर मैंने यह भी देखा कि किस तरह वे अपनी स्वयं की रचनात्मकता का उपयोग करते हुए अपने स्वयं के परिधान डिजाइन करने में जुटे थे और अब उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ सैकडों लोगों के सामने रैम्प पर अपना हुनर पेश किया है। यह मेरे लिए एक यादगार दिन है, जब हम एक साथ दिव्यांग साथियों की कामयाबी और उनकी उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं।”