सबगुरु न्यूज-सिरोही। लंबे अरसे से सिरोही शहर के विकास पर लगा ग्रहण अब छंटने की आशा नजर आ रही है। विधायक संयम लोढ़ा के अनुरोध पर स्वायत्त शासन मंत्री के आदेश पर निदेशक पवन अरोड़ा ने सिरोही शहर में आधारभूत विकास के लिए सर्वे और फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करके 15 दिनों में भिजवाने के निर्देश सिरोही नगर परिषद आयुक्त को दिए हैं।
देनी है इन कामों की सर्वे और फिजिबिलिटी
पवन अरोड़ा ने सिरोही आयुक्त को टाउन हॉल, स्टेडियम, मिनी सचिवालय, इनडोर स्टेडियम, तालाब सौंदर्यीकरण, चौराहों व पार्कों का सुधार और सामुदायिक भवन के लिए सर्वे और फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। आयुक्त को लिखे पत्र के अनुसार इन सभी संरचनाओं के निर्माण के लिए विधायक लोढ़ा ने स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल से मिलकर 8 जनवरी को अनुरोध पत्र दिया था।
इनडोर स्टेडियम और मिनी सचिवालय की जमीन चिन्हित
सिरोही में इनडोर स्टेडियम के लिए जमीन का चिन्हिकरण और आवंटन 5 साल पहले कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में हो गया था। अरविंद पैवेलियन के पिछले हिस्से में गोयली मार्ग पर इस जमीन का आवंटन करके नामांतरण भी कर दिया गया था। लेकिन, इसके निर्माण के लिए आवश्यक राशि नहीं मिलने के कारण ये काम नहीं हो पाया।
इसी तरह मिनी सचिवालय के लिए भी दो बार जमीन का चिन्हीकरण करके राज्य सरकार को भेजा जा चुका है। एक बार बालाजी थर्ड में और दोबारा सर्किट हाउस के निकट सटी जमीन को मिनी सचिवालय के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जा चुका है।
पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने ही सिरोही शहर में 3 सामुदायिक केंद्र खोलने के लिए भी बजट आवंटित कर दिया था। इसके लिए डिज़ाइन और जमीनों का चिन्हीकरण भी हो गया था। एक सामुदायिक भवन माली समाज छात्रावास मार्ग पर बनना प्रस्तावित था, लेकिन सरकार बदलते है इसके बजट को लेप्स कर दिया गया। इसी तरह टाउन हॉल निर्माण के लिए भी 8 साल पहले काफी चर्चा हुई थी।
लेकिन बाद में नगर परिषद सिरोही की सभापति जयश्री राठौड़ और संयम लोढ़ा के बीच तलवारें खींच जाने के कारण सिरोही शहर में कोई माइल स्टोन वर्क नहीं हो पाया। बाद में सिरोही नगर परिषद में भाजपा का बोर्ड बना और विधायक और सरकार भी भाजपा की रही, लेकिन इन लोगों ने टूटी सड़कों और खाली कॉलोनियों में सड़कें बनाने को छोड़कर कोई बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण का काम नहीं किया।
नेहरू गार्डन पर कहने को पैसा खर्च किया गया, लेकिन लाखों रुपये उड़ाने के बाद वो भी बदहाल ही है। अब इस सर्वे के बाद कौन कौन से परवान चढ़ पाएंगे ये लोढ़ा के लिए अगले पांच सालों में सिरोही शहर में सबसे बड़ी चुनौती है।