चेन्नई। तमिलनाडु में प्रमुख विपक्षी दल द्रमुक ने साेमवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को आगामी छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए छह सीटें आवंटित कर समझौते का अंतिम रूप दिया।
दोनों दलों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद माकपा नेताओं ने द्रमुक नेताओं के साथ समझौता पर हस्ताक्षर किया। समझौता पर हस्ताक्षर के बाद माकपा के राज्य सचिव के बालकृष्णन, जिन्होंने द्रमुक की ओर से पेश की गयी सीटाें की संख्या को लेकर कई बार नाराजगी प्रकट व्यक्त की थी तथा पार्टी पदाधिकारियों के साथ कई बार बैठकें भी कीं। उन्होंने कहा कि माकपा आखिरकार छह सीटों के साथ सहमत हो गयी। दोनों पार्टी का मुख्य उद्देश्य सत्तारूढ अन्नाद्रमुक एवं भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को हराना है।
उन्होंने कहा, हर पार्टी अधिक से अधिक सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है। हम खुश होते अगर हमें और अधिक सीटें दी गयी होतीं।
वामपंथी नेता ने कहा कि भाजपा सरकारें गिराने के लिए जानी जाती है और हाल में पुड्डुचेरी की घटना इसका ज्वलंत उदाहरण है जहां भाजपा के केवल तीन मनोनीत सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा में ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
राज्य की 234 सदस्यीय विधानसभा में द्रमुक सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। द्रमुक ने अपने गठबंधन में शामिल कांग्रेस को 25 सीटें, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, वीसीके और एमडीएमके को छह-छह सीटें, आईयूएमएल को तीन तथा एमएमके को दो सीटें आवंटित की हैं।
द्रमुक आज शाम तक टी वेलमुरुगन के नेतृत्व वाली तमिजगा वाजवुरीमल काची और कोंगु देसिया मक्कल काची के साथ समझौते को भी अंतिम रूप देगा।
कांग्रेस को कन्याकुमारी लोकसभा सीट भी दी गयी है जहां उपचुनाव हो रहा है। कांग्रेस सांसद एच वसंतकुमार के निधन के कारण यह संसदीय सीट रिक्त हुई है। उपचुनाव और विधानसभा चुनाव साथ-साथ ही हो रहे हैं।