प्यार कभी भी किसी को भी हो सकता है। प्यार एक ऐसा बंधन है जो लगभग सभी के जीवन में दस्तक देता है। प्यार हर किसी को जीवन में किसी ना किसी से प्यार हो ही जाता है। कुछ कुछ लोग प्यार को स्वीकार कर लेते हैं और कुछ लोग किसी कारण वंश प्यार को इंकार कर देते हैं। ऐसी स्थिति में क्या करें और क्या नहीं यह समझना बहुत मुश्किल है। भगवान श्री कृष्ण के अनुसार प्रेम संसार का सबसे सुंदर बंधन मानते है।
यदि कोई आपके प्यार को ठुकरा दे तो ऐसी स्थिति में हर कोई अलग अलग व्यवहार करते हैं। कुछ लोग उदास हो जाते हैं। तो कुछ छल कपट से प्यार को पाने का प्रयास करते हैं। परंतु यह लोग यह नहीं समझ पाते की जिससे आप प्यार करते हैं वो भी आपसे प्रेम करें यह आवश्यक तो नहीं प्यार कोई वस्तु या धन नहीं है। जो अधिकार है बल की सहायता से हासिल किया जा सके प्यार एक सकती है जो अपने लिए हर बंधन को तोड़ सकती है।
आप जिस से प्यार करते हैं यदि वह आपका प्यार को ठुकरा देती है। तो उसे स्वतंत्र पर छोड़ दीजिए क्योंकि स्वतंत्रता वह भाव है जो जीत के साथ साथ प्यार को भी अत्यधिक प्रिय है। यदि आपका प्यार सच्चा है तो सामने वाले को ऐसे ही समझ में आ जाएगा। जब तक आप निस्वार्थ भाव से प्यार करते रहे जब स्वार्थ और अपेक्षाये हट जाएगी तो प्रेम को आप की ओर आने का रास्ता नजर आने लगेगा।