जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण कोई अभिभावक आर्थिक स्थिति के चलते फीस जमा नहीं करा पाता है तो निजी स्कूल ऎसे विद्यार्थी का नाम नहीं काटें। यदि कोई स्कूल ऎसा करता है तो राज्य सरकार उसकी मान्यता निरस्त कर सकती है।
गहलोत आज मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्कूल शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा से जुड़े विषयों पर समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग इस बात का भी परीक्षण कराए कि निजी स्कूल विद्यार्थियों को फीस एवं अन्य शुल्कों में किस प्रकार राहत दे सकते हैं और उन विद्यालयों का संचालन भी प्रभावित नहीं हो।
उन्होंने कहा कि मानवता के समक्ष यह ऎसा संकट है जिसका हम सभी को मिलकर सामना करना है। ऎसे वक्त में एक-दूसरे का ध्यान रखकर ही हम इस मुश्किल वक्त का मुकाबला कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की शेष परीक्षाएं फिलहाल स्थगित रहेंगी। बाद में सीबीएसई द्वारा लिए जाने वाले निर्णय के अनुरूप फैसला किया जाएगा, ताकि दोनों बोर्ड की परीक्षाओं में एकरूपता बनी रहे और प्रदेश के विद्यार्थियों का अहित न हो। इसी प्रकार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में भी परीक्षाओं का आयोजन स्थितियां सामान्य होने पर करवाया जा सकेगा।
गहलोत ने निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग ग्रीष्मावकाश में बच्चों को मिड-डे मील के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण बच्चों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना संभव नहीं है। ऎसे में अभिभावकों को सूखी राशन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।
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फीस जमा नहीं होने पर स्कूल नहीं काटें किसी विद्यार्थी का नाम : गहलोत
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