पितृपक्ष (श्राद्ध) आज शुरू हो गया है जो 8 अक्टूबर तक चलेगा। श्राद्ध के दौरान हिंदु मान्यताओं में वर्ष में एक बार अपने पितरों को याद कर उन्हें भरपेट भोजन करा कर उनकी आत्माओ को खुश किया जाता है। हम आपको इस लेख के माध्य्म से श्राद्ध के भोजन में उपयोग तीजो के बारे में बता रहे है।
इन तीजो का इस्तमाल करे श्राद्ध के भोजन में
श्राद्ध के दिन भोजन में खीर पूरी का होना जरूरी माना जाता है।
श्राद्ध के भोजन में तिल के होने से पिशाचों से श्राद्ध की रक्षा होती हैं।
श्राद्ध के भोजन में जौ, मटर और सरसों का इस्तेमाल श्रेस्ट माना जाता है।
श्राद्ध के भोजन पितरों की पसंद का होना चाहिए।
श्राद्ध में गंगाजल, दूध, शहद, कुश और तिल का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। श्राद्ध में तिल के अधिक होने से उसका फल शुभ होता है।
इन चीजों का भूलकर भी ना करे प्रयोग
श्राद्ध के भोजन में खीरा, काला उड़द, काला नमक, लौकी, प्याज, लहसुन, बड़ी सरसों, काली सरसों की पत्ती और बासी, खराब अन्न, चना, मसूर, उड़द, कुलथी, सत्तू, मूली, काला जीरा, कचनार, फल और मेवे का भूलकर भी ना करे प्रयोग।