पटना। बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड ने मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए थाना प्रभारी पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के बयान को लेकर कटाक्ष करते हुए रविवार को कहा कि यदि वह शहीद पुलिसकर्मियों का सम्मान नहीं कर सकते तो कम से कम अपमान भी न करें।
जदयू प्रवक्ता और विधान परिषद् सदस्य नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी जी, पुलिस के जवान अपनी बेनामी संपत्ति बचाने के लिए नहीं, बल्कि समाज और देश की सुरक्षा एवं अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए शहीद होते हैं। इन पुलिसकर्मियों के बलिदान पर कम से कम राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
कुमार ने कहा कि वैसे, जदयू का उद्देश्य इन मुद्दों पर कभी भी राजनीति करने का नहीं रहा है। लेकिन, तेजस्वी को पता होना चाहिए कि वर्ष 1996-1998 के दौरान बिहार में नरसंहार की चार घटनाओं में 11 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी 1996 को गया जिले के टेकारी में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए सात पुलिसकर्मी शहीद हुए थे जबकि 1 फरवरी 1997 को पटना जिले के जलपुरा में एक पुलिसकर्मी तथा 17 सितंबर 1998 को गया जिले के पंचशीला पहाड़ पर दो पुलिसकर्मियों ने अपनी कुर्बानी दी थी।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि 6 फरवरी 1999 को पटना के चकिया में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के चालक शहीद हुए थे। उन्होंने कहा कि तेजस्वी जी, इन सभी पुलिसकर्मियों के बलिदान ने ही हमें सुरक्षित रखा है। इस कारण इनके बलिदान पर राजनीति करना उचित नहीं। वर्ष 1996-98 के दौरान बिहार में उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की ही सरकार थी।
उल्लेखनीय है कि खगड़िया जिले में परबत्ता थाना क्षेत्र के दुधैला बहियार में शुक्रवार दे रात अपराधियों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में पसराहा थाना के प्रभारी आशीष कुमार सिंह शहीद हो गए। इस पर नेता प्रतिपक्ष यादव ने ट्वीट कर कहा कि अपराधियों ने बिहार में थाना प्रभारी को गोली मारी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं आल इज वेल। यहां अपराधी सामान्य नागरिकों के बाद अब पुलिस को गोली मार रहे हैं।
यादव ने अगले ट्वीट में कहा कि मुख्यमंत्री की नाकामी से सूबे में एके-47 और सनसनीखेज अपराधों की ज़हरीली खेती हो रही है। पूरा सूबा खौफजदा है। उन्होंने कहा कि राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी अपराधियों से गुहार लगा रहे हैं और अपराधी पुलिस पर ही प्रहार कर रहे हैं।