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सिरोही के चिकित्सकों ने किस बात का जताया रोष

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सिरोही के चिकित्सकों ने किस बात का जताया रोष
सिरोही जिला चिकित्सालय में कार्य बहिष्कार के दौरान चिकित्सक और पैरामेडीकल स्टाफ।
सिरोही जिला चिकित्सालय में कार्य बहिष्कार के दौरान चिकित्सक और पैरामेडीकल स्टाफ।
सिरोही जिला चिकित्सालय में कार्य बहिष्कार के दौरान चिकित्सक और पैरामेडीकल स्टाफ।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। इंडियन मेडीकल ऐसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार को देश भर के चिकित्सकों और पैरामेडीकल स्टाफ के साथ सिरोही के चिकित्सकों और पैरामेडीकल स्टाफ ने ओपीडी को दो घंटे बहिष्कार किया। इस दौरान कोविड और आपात सेवाओं को अलग रखा गया।

जिला चिकित्सालय में सवेरे पीएमओ कार्यालय पर जिला चिकित्सालय एवं जिला मुख्यालय के चिकित्सक एकत्रित हुए। इनके साथ पेरामेडीकल स्टाफ भी मौजूद था। इन लोगों ने काली टी-शर्ट और बांह पर काली पट्टी बांधी हुई थी।

आईएमए के आह्वान पर ये विरोध दिवस योग प्रशिक्षक रामदेव द्वारा ऐलोपैथी चिकित्सकों तथा सरकार के वेक्सीनेशन कार्यक्रम के खिलाफ की जा रही अनर्गल बयानबाजी और इस तरह के लोगों की बयानबाजी के कारण चिकित्सकों व पैरामेडीकल स्टाफ के साथ हो रही हिंसक घटनाओं के खिलाफ था।

इस दौरान आईएमए के जिलाध्यक्ष डॉ राजेश मालवीय ने कहा कि जब पूरी दुनिया घरों मे थी तो चिकित्सक और चिकित्सा स्टाफ अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा दे रहे थे। प्रधानमंत्री जी ने चिकित्सकों के सम्मान में ढोल बजवा दिए, दीये जलवा दिए, फूल बरसवा दिए। ये सब टीआरपी और पीआर के अलावा कुछ नहीं था।

उन्होंने कहा कि जब इन्हीं चिकित्सकों और चिकित्सा स्टाफ पर हिंसा हो रही थी तो उन्होंने कुछ नहीं किया। जब कोई चिकित्सक घर जाता था तो कॉलोनी वाले उसे घर से निकालने का कहता थे। नर्सिंग कर्मी घरों पर नहीं जा पा रहे थे। ढोल, थाली और फूल बरसाना सिर्फ ढकोसला था। इस हिंसा पर किसी सरकार ने न कार्रवाई की और न ही कोई कानून बनाया।
डॉ मालवीय ने कहा कि स्थिति ये हो गई कि हमारे से ज्यादा बाबाओं की सुनी जाने लगी। जिस बाबा के पास आयुर्वेद की डिग्री तक नहंी वो आयुर्वेद विश्वविद्यालय के प्राचार्य की तरह भाषण दे रहा है। डॉ मालवीय ने कहा कि हम किसी भी चिकित्सा पद्धति का विरोध नहीं करते। हम मानते हैं कि दुनिया में जितनी भी पैथी है उसकी जननी आयुर्वेद है। उन्होंने कहा कि हर पैथी में पारंगत होने के लिए चिकित्सक को पांच छह साल भोग देना पड़ता है।

ऑल राजस्थान इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ संजय गहलोत ने आईएमए के विरोध दिवस के मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीने में चिकित्सकों और चिकित्सा स्टाफ के खिलाफ हिंसक कार्रवाइयां हुई। ये सब तब भी जारी रहा जबकि सरकारों ने इनके खिलाफ कार्रवाई की बातें की। उन्होंने चिकित्सकों के खिलाफ हुई इन घटनाओं पर रोष जताया।

डॉ अश्विन मौर्य, डॉ प्रदीप चौहान, डॉ विरेन्द्र महात्मा, डॉ निहालसिंह, डॉ मुकेश मीणा, डॉ उषा चौहान, डॉ दिलराज मीणा, डॉ लिटिन खत्री, डॉ विष्णु बोराणा, डॉ सुरेश बोराणा, डॉ सुनीता थरेजा, डॉ दिनेश राठौड़, डॉ रविन्द्र खींची, डॉ अनिल चौधरी, डॉ ज्ञानेश गुप्ता, डॉ जयप्रकाश कुमावत, डॉ लक्ष्मणसिंह , डॉ जयंत शर्मा, डॉ अंकेश चौधरी, डॉ रतन चौधरी, डॉ मोहनलाल निठरवाल आदि काली पट्टी एवं काली टीशर्ट राष्ट्रीय विरोध दिवस में शामिल थे।