जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर की एक अदालत ने उपचार कराने क्लीनिक में आई किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोपी चिकित्सक को गुरुवार को 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 55 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। अदालत ने आधी राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार जौनपुर के मीरगंज क्षेत्र के एक निवासी ने 29 अक्तूबर 2016 को थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई कि आठवीं में पढ़ने वाली उसकी बेटी तबीयत खराब होने पर 23 अक्तूबर की शाम डॉ. मनोज कुमार की क्लीनिक में दवा लेने गई थी।
काफी देर तक वह नहीं लौटी तो घरवाले उसे खोजते हुए पहुंचे तो क्लीनिक बंद मिला। काफी खोजबीन के बाद भी बेटी का कहीं पता नहीं चला। बाद में बेटी प्रयागराज स्टेशन पर पाई गई।
घर लौटकर उसने बताया कि चिकित्सक उसे बहला-फुसलाकर घर ले गया और दुराचार किया। वहां से उसे पांच-छह दिनों तक कई जगह घुमाता रहा, फिर प्रयागराज स्टेशन पर छोड़कर फरार हो गया।
तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। जिले के विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट प्रथम रवि यादव ने सुनवाई के बाद गुरुवार को आरोपी चिकित्सक को दोषी पाते हुए दस वर्ष के सश्रम कारावास और 55 हजार रुपए का अर्थ दंड दिया।