भारत विभाजन पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म रिव्यू कार्यक्रम
अजमेर। सामान्य तौर पर कहा जाता है कि फिल्में समाज का आईना होती है जैसा समाज होता है वैसी ही फिल्में बनती हैं, लेकिन अनुभव यह आने लगा है कि फिल्म में जो दिखाते हैं समाज वैसा होने लगता है और इसलिए वर्तमान समय में फिल्में केवल मनोरंजन का साधन मात्र नही है बल्कि समाज निर्माण का एक प्रभावी साधन बन गई हैं।
अत: समाज के प्रबुद्ध लोगों को विशेषकर युवाओं को फिल्मों को देखकर समाज के हित की दृष्टि से उन पर गंभीर चिंतन-मंथन करने की आवश्यकता है। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान के सह प्रचार प्रमुख मनोज कुमार ने गुरुवार को पुष्कर मार्ग स्थित आदर्श विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय में यूथ थिन्कर्स क्लब द्वारा आयोजित फिल्म रिव्यू कार्यक्रम के दौरान कही।
इस अवसर पर उन्होंने कहा की व्यक्ति की तरह समाज का भी मन निर्मित होता है जिसके आधार पर कोई भी समाज किसी बड़े परिवर्तन के लिए तैयार होता है। वास्तव में फिल्में समाज का मन निर्माण करती है। इसलिए पढ़े-लिखे और चिंतनशील युवाओं को फिल्म को देख कर उन पर सार्थक चर्चाएं करनी चाहिए जिससे समाज को सकारात्मक परिवर्तन के लिए तैयार किया जा सके साथ ही फिल्मों के द्वारा नकारात्मक परिवर्तन के लिए की जा रही चेष्ठाओं से समाज को जागरुक किया जा सके।
इस अवसर पर प्रदर्शित डॉक्यूमेंट्री फिल्म की जानकारी देते हुए विभाग प्रचार प्रमुख भूपेंद्र उबाना ने बताया कि पांचजन्य की ओर से भारत के विभाजन के तथ्य और वास्तविक दृश्यों को लेकर एक डॉक्यूमेंटरी सीरीज बनाई जा रही है जो यूट्यूब पर सबके लिए उप्लब्ध करवाई जाएगी।
इसी के प्रथम भाग का रिव्यू कार्यक्रम में किया गया। कुल 33 मिनट की डॉक्यूमेंटरी देखने के बाद युवाओं द्वारा इस पर सार्थक चर्चा की गई। कार्यक्रम में प्रान्त प्रचार प्रमुख राजेन्द्र लालवानी सहित अजमेर के 40 से अधिक युवाओं और यूथ थिन्कर्स क्लब के सदस्य सम्मिलित हुए।