नयी दिल्ली । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी नेतृत्व को बढ़ाने के उद्देश्य से एक कानून पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस कानून को भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और दो प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के बीच संवर्धित रक्षा संबंधों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चार दिसंबर को सीनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस कानून को 12 दिसंबर को अमेरिकी कांग्रेस ने पारित कर दिया था। ट्रम्प ने 31 दिसंबर को कुल 13 कानून पर हस्ताक्षर कर उन्हें मंजूरी प्रदान की।
एशिया आश्वासन पहल अधिनियम (एआरआईए) नामक इस कानून के तहत अमेरिका के रणनीतिक क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए पांच साल की अवधि के दौरान 1.5 अरब डॉलर का बजट आवंटित किया गया है। कानून के मुताबिक अमेरिका भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी की महत्वपूर्ण भूमिका काे समझता है।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्रम्प प्रशासन के इस फैसले का स्वागत करते हुए बुधवार को ट्वीट किया, “ अमेरिका द्वारा भारत को अपना प्रमुख रक्षा साझेदार के रूप में मानना, भारत के लिए विशेष है।” उन्होंने कहा कि यह कानून अमेरिका और भारत के बीच रक्षा व्यापार, प्रौद्योगिकी सहयोग को उच्च स्तर पर ले जाता है, जोकि अमेरिका के निकटतम सहयोगियों के साथ है।