वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल के अंत तक एच-1 बी एवं एच2बी वीजा समेत अन्य कार्य वीजा को अस्थायी तौर पर स्थगित करने के लिए मंगलवार को आदेश जारी किया।
ट्रंप ने यह उल्लेख किया कि इन वीजा के माध्यम से आने वाले अतिरिक्त कार्यबल वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप के कारण होने बुरी तरह प्रभावित अमरीकी नागरिकों के लिए रोजगार के अवसरों के लिए एक खतरा प्रस्तुत करते हैं। यह रोक इस साल के अंत तक यानी 31 दिसंबर तक लागू रहेगी।
राष्ट्रपति ने वक्तव्य में कहा,“अत्यधिक श्रम आपूर्ति रोजगार और बेरोजगारी के बीच के हाशिए पर श्रमिकों के लिए विशेष रूप से हानिकारक है जो एक आर्थिक विस्तार के दौरान ‘अंतिम’ और आर्थिक संकुचन के दौरान पहले बाहर होने वालों में होते हैं।
यह आदेश 24 जून से लागू होगा और इससे कई अमरीकी और भारतीय कंपनियों पर असर पड़ने की उम्मीद है, जिन्हें एक अक्टूबर से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2021 के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा एच1बी वीजा जारी किया गया है। ट्रंप ने कहा कि 2019 के कोरोना वायरस (कोविड-19) ने अमरीकियों की आजीविका को बुरी तरह से बाधित किया है।
इस वर्ष मार्च के बाद से कोरोना वायरस तथा इसके प्रसार के लिए जिम्मेदार जीवाणु सार्स-कोव-2 को रोकने के लिए उठाए गए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के कारण अमरीका के बिजनेस तथा श्रमिकों पर प्रतिकूल असर हुआ है।
अमरीका में श्रम सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा दर्ज आंकड़ों के मुताबिक फरवरी और मई के बीच बेरोजगारी की दर करीब चौगुनी हो गई। मई में दर्ज 13.3 प्रतिशत की दर अप्रैल से चिह्नित गिरावट को दर्शाती है क्योंकि उस दौरान लाखों अमेरिकी बेरोजगार हो गए।
ट्रंप सरकार की ओर से एच-1बी वीजा जारी करने अस्थाई रोक लगाने से भारतीय पेशेवरों पर असर पड़ सकता है। एच1बी वीजा एक गैर प्रवासी वीजा है, जो अमरीकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को कुछ खास व्यवसायों में नियोजित करने की अनुमति देता है।
भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच इसकी काफी अधिक मांग है। अमरीका में हर साल 85000 एच-1 बी जारी करने की सीमा है। एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल इस वीजा के लिए सवा दो लाख आवेदन प्राप्त हुए थे।