चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के दूसरी कक्षा तक के विद्यार्थियों को गृह कार्य (पढ़ाई से संबंधित काम) नहीं दिया जाए।
राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने सीबीएसई को पिछले माह सिफारिश की थी कि कक्षा दो तक के विद्यार्थियों को गृह कार्य नहीं दिया जाए और तीसरी कक्षा तक केवल तीन विषय पढ़ाए जाए। एनसीईआरटी ने उच्च न्यायालय में पेश अपने जवाब में कहा कि देशभर के लगभग 18 हजार सीबीएसई स्कूलों को इन सिफारिशों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
एक वकील एम पुरोषोत्तमन ने याचिका दायर करके उच्च न्यायालय से सीबीएसई स्कूलों को एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम का सख्ती से पालन करने और छात्रों पर क्षमता से अधिक बोझ नहीं डालने का निर्देश देने की अपील की थी। एनसीईआरटी के मुताबिक कक्षा के विद्यार्थियों को ‘शिष्ट’ और ‘अदभुत’ जैसे अलग-अलग वर्गों में वर्गीकृत करने से भेदभाव को बढ़ावा मिलता है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के मुताबिक पहली कक्षा के बच्चाें को केवल तीन विषय-मातृभाषा, अंग्रेजी और गणित पढ़ाये जाने चाहिए लेकिन वास्तव में उन्हें स्कूलों में आठ विषय पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता है। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सीबीएसई स्कूलों से एनसीईआरटी की सिफारिशों का पालन करने का निर्देश दिया।