वाशिंगटन/नई दिल्ली। अमरीका कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस टिप्पणी का समर्थन नहीं करता है, जिसमें गांधी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की वजह से पाकिस्तान और चीन एक-दूसरे के नजदीक आए हैं।
अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस से जब राहुल गांधी द्वारा बुधवार को संसद में दिए गए बयान को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगा कि पाकिस्तान और पीआरसी (चीन) अपने संबंध को लेकर टिप्पणी करें। मैं निश्चित रूप से इस बयान का समर्थन नहीं करूंगा।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए गांधी कहा था कि मोदी सरकार की एक मात्र बड़ा रणनीतिक लक्ष्य पाकिस्तान और चीन को अलग-अलग रखना है, लेकिन इसके बजाय ये दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए हैं। उन्होंने कहा कि आप यह नहीं समझते हैं, आपने पाकिस्तान और चीन को करीब ला दिया है और यह भारत के लोगों के खिलाफ एक बड़ा अपराध है।
प्रवक्ता प्राइस से जब सवाल किया गया कि क्या वह सोचते हैं कि पाकिस्तान और चीन एक-दूसरे के करीब आए हैं और क्या आप यह महूसस करते हैं कि अमरीका द्वारा इन दोनों को एक-दूसरे से अलग करने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा के अमरीका के मित्र राष्ट्रों को अमरीका द्वारा कुछ ऐसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जो चीन से नजदीकी संबंध रखने पर उन्हें नहीं मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि हमने हमेशा कहा हैं कि दुनियाभर के किसी भी देश को अमरीका और चीन में से किसी एक को चुनने की जरूरत नहीं है। अगर बात जब अमरीका के साथ संबंध की आती है, तो हम राष्ट्रों के समक्ष विकल्प रखते हैं। हमें लगता है कि उन्हें अगर अमरीका के साथ साझेदारी फायदेमंद है, तो देशों को उसके साथ आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अमरीका का रणनीतिक साझेदार है। पाकिस्तान सरकार के साथ हमारे महत्वपूर्ण संबंध हैं। एक ऐसा संबंध जिसका महत्व हम हर मोर्चे पर समझते हैं।