मेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डबल इंजन वाली सरकार से कर्नाटक को होने वाले लाभों का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि जिन 3,800 करोड़ रुपए की प्रस्तावित परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनसे राज्य में जीवनयापन और रोजगार में आसानी होगी।
मोदी ने परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि साथ ही ‘एक जिला और एक उत्पाद’ योजना क्षेत्र के मछुआरों, कारीगरों और किसानों के उत्पादों के लिए बाजारों की उपलब्धता की सुविधा प्रदान करेगी। ण्पिछले आठ वर्षों में प्राथमिकता के आधार पर बुनियादी ढांचे के विकास पर टिप्पणी करते हुए उन्होंनेण् कहा कि यह कर्नाटक है जिसने इससे अत्यधिक लाभ उठाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक सागरमाला योजना के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गत आठ वर्षों में 70 हजार की राजमार्ग परियोजनाएं जोड़ी गई हैं और एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। कर्नाटक में परियोजनाओं के लिए रेल बजट पिछले आठ वर्षों में चार गुना बढ़ा है।
पिछले आठ वर्षों के घटनाक्रम का अवलोकन करते हुए मोदी ने कहा कि देश में गरीबों के लिए तीन करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं, और कर्नाटक में गरीबों के लिए आठ लाख से अधिक पक्के घरों की मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहाइ कि हजारों मध्यम वर्गीय परिवारों को भी उनके घर बनाने के लिए करोड़ों रुपए की मदद दी गई है।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत देश में छह करोड़ से अधिक घरों को केवल तीन वर्षों में पाइप से पानी की सुविधा से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार कर्नाटक के 30 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचा है।
मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के करीब चार करोड़ गरीब लोगों को अस्पताल में भर्ती होने के दौरान मुफ्त इलाज मिला है। इससे करीब 50 हजार करोड़ रुपए गरीबों के लिए खर्च किए गए। कर्नाटक के 30 लाख से ज्यादा मरीजों को आयुष्मान भारत का लाभ भी मिला है।
उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि जिन लोगों को उनकी कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण भुला दिया गया था, उनकी उपेक्षा न हो। उन्होंने कहा कि छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों, मछुआरों, रेहड़ी-पटरी वालों और ऐसे करोड़ों लोगों को पहली बार देश के विकास का लाभ मिलना शुरू हुआ है। वे भारत के विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज डिजिटल भुगतान ऐतिहासिक स्तर पर है और भीम-यूपीआई जैसे हमारे नवाचार दुनिया का ध्यान खींच रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश के लोग मजबूत कनेक्टिविटी के साथ तेज और सस्ता इंटरनेट चाहते हैं।
उन्होंने रेखांकित किया कि आज करीब छह लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाकर ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि 5जी की सुविधा इस क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने जा रही है। मुझे खुशी है कि कर्नाटक की डबल इंजन सरकार भी लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं को तेजी से पूरा करने के लिए काम कर रही है।
मोदी ने अपने संबोधन का समापन कर्नाटक के करावली क्षेत्र का जिक्र करते हुए किया। उन्होंने कहा कि देशभक्ति की, राष्ट्रीय संकल्प की इस ऊर्जा से मैं हमेशा प्रेरित महसूस करता हूं। मेंगलुरु में दिखाई देने वाली यह ऊर्जा ऐसे ही विकास के पथ को रोशन करती रहे, इसी कामना के साथ, आप सभी को इन विकास परियोजनाओं के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
बंदरगाह नीत विकास की दिशा में देश की ओर से किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने जोर देकर कहा कि यह विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंत्र है। ऐसे प्रयासों के फलस्वरूप भारत के बंदरगाहों की क्षमता मात्र आठ वर्षों में लगभग दोगुनी हो गई है।
कुछ दिन पहले सामने आए जीडीपी के आंकड़ों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में भारत द्वारा बनाई गई नीतियों और लिए गए फैसलों ने भारत के विकास में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल, इतने सारे वैश्विक व्यवधानों के बावजूद, भारत का निर्यात कुल 670 अरब डॉलर का था यानी 50 लाख करोड़ रुपए। हर चुनौती को पार करते हुए भारत ने 418 अरब डॉलर के व्यापारिक निर्यात का नया रिकॉर्ड बनाया यानी 31 लाख करोड़ रुपए।
मोदी ने कहा कि देश के विकास इंजन से जुड़ा हर क्षेत्र आज पूरी क्षमता से चल रहा है। सेवा क्षेत्र भी तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पीएलआई योजनाओं का असर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर साफ तौर पर देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव के समारोहों पर प्रकाश डाला और भारत की मिट्टी को गुलामी के चंगुल से बचाने में रानी अब्बक्का और रानी चेन्नाभैरा देवी के संघर्षों को याद किया। उन्होंने कहा कि आज ये बहादुर महिलाएं भारत को निर्यात के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए एक बड़ी प्रेरणा हैं।
इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी, केंद्रीय बंदरगाह मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और अन्य लोग भी उपस्थित थे।