नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कोविड टीके पर संदेह का कोई आधार नहीं है तथा वह इस मामले में कोई आदेश या राय नहीं देगा।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना ने एक जनहित याचिका की सुनवायी के दौरान एक बार फिर कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के ऐहतियाती उपाय के लिए कोविड-19 के टीके पर संदेह नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि उसका कोई आधार नहीं है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि टीके बेहद कारगर हैं। लिहाजा, हम कोई आदेश या विचार देकर कोई संकेत नहीं देना चाहते हैं।
डॉ अजय कुमार गुप्ता ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में टीके लगवाने वाले लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से कराने का निर्देश सरकार को देने की गुजारिश की गई थी। याचिका में यह भी मांग की गई थी कि टीकाकरण के 30 दिनों के भीतर होने वाली मौतों या दुष्प्रभावों के मामलों की जांच की जाए।