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Dr. Firoz khan changed department amid appointment disputes in BHU - Sabguru News
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BHU controversy: डॉ फिरोज खान ने दिया इस्तीफा

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BHU controversy: डॉ फिरोज खान ने दिया इस्तीफा
Dr. Firoz khan changed department amid appointment disputes in BHU
Dr. Firoz khan changed department amid appointment disputes in BHU
Dr. Firoz khan changed department amid appointment disputes in BHU

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के बाद यहां के विद्यार्थियों के विरोध का सामना कर रहे डॉ. फिरोज खान ने कला संकाय के संस्कृत विभाग में पदभार ग्रहण किया है।

विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने मंगलवार को बताया कि डॉ. खान ने कला संकाय के संस्कृत विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर का पदभार ग्रहण किया है। उन्होंने डॉ. खान के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय से इस्तीफे संबंधी सवाल पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि डॉ0 खान का यह निजी फैसला हो सकता है। इस मामले में विश्वविद्यालय की ओर से नियमानुसार आगे की कार्रवाही की जाएगी।

हालांकि, विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि डॉ. खान ने अपनी नियुक्ति के बाद करीब एम माह से जारी विवादों के बीच संस्कृत विभाग एवं आयुर्वेद विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद लिए अलग-अलग इंटरव्यू दिया और दोनों ही जगहों पर उनका चुनाव हो गया था। संस्कृत विभाग में नियुक्ति पत्र मिलने के बाद उन्होंने पदभार ग्रहण कर लिया है तथा संस्कृत विद्या धर्म से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, उनके इस्तीफे पर विविश्वविद्यालय में कागजी प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।

डॉ. खान के संस्कृत विभाग में पदभार ग्रहण करने की खबरें आने के बाद यहां के छात्रों ने कहा कि अब वे अपना आंदोलन समाप्त कर सकते हैं। यहां के छात्र संतोष झा ने बताया कि उनका विरोध डॉ. खान के संस्कृत के ज्ञान पर नही था बल्कि कर्मकांड को लेकर था। अब उनकी प्रमुख मांग पूरी हो गई है। संस्कृत विद्या धर्म से इस्तीफा मंजूर होने के बारे में विश्वविद्यालय की घोषणा के बाद वे अपने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा करेंगे।

गौरतलब है कि बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में करीब एक माह पूर्व डॉ. खान की असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर नियुक्ति हुई थी। इसके विरोध में यहां के छात्र तब से लगातर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। कई आंदोलकारियों का आरोप है कि विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय एवं सनातन धर्म की भावनाओं के खिलाफ गलत तरीके डॉ. खान की नियुक्ति की गई थी।

छात्रों का कहना था कि वे डॉ. खान के ज्ञान पर सवाल नहीं उठा रहे, बल्कि उन्हें मुख्य रुप विरोध कर्मकांड कराने को लेकर है कि कोई मुस्लिम व्यक्ति कैसे हिंदू कर्मकांड करा सकता है। उनका कहा है कि किसी अन्य धर्म को मानने वाला व्यक्ति आखिर हिंदू धर्म कर्मकांड कैसे करा सकता है जब वह खुद ही इसका पालन नहीं करता हो। उनका यह भी करना था कि अब तक वे हिंदू शिक्षकों से ही कर्मकांड का व्यावहारिक ज्ञान लेते रहे हैं।