Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
डॉ नरेश त्रेहान तुम भी फंस गए 'गुनाहों के दलदल में' - Sabguru News
होम Delhi डॉ नरेश त्रेहान तुम भी फंस गए ‘गुनाहों के दलदल में’

डॉ नरेश त्रेहान तुम भी फंस गए ‘गुनाहों के दलदल में’

0
डॉ नरेश त्रेहान तुम भी फंस गए ‘गुनाहों के दलदल में’
Dr. Naresh Trehan gets trapped in the swamp of crimes
Dr. Naresh Trehan gets trapped in the swamp of crimes
Dr. Naresh Trehan gets trapped in the swamp of crimes

गुरुग्राम। आइए आज आपको राजधानी दिल्ली के नजदीक गुड़गांव यानी गुरुग्राम लिए चलते हैं। पिछले दो दशक से गुरुग्राम एक ऐसे शहर के रूप में विख्यात हुआ जिसकी पहचान देश और विदेश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के ऑफिसों के रूप में होती चली गई। ऐसे ही गुरुग्राम में हॉस्पिटल है जिसका नाम है ‘मेदांता’। आइए आज इस हॉस्पिटल और इसके प्रबंध निदेशक के बारे में ही चर्चा कर ली जाए। पहले आपको बताएंगे मेदांता के संस्थापक और चेयरमैन नामचीन डॉक्टर नरेश त्रेहान के बारे में, त्रेहान ने पिछले कुछ वर्षों में अपने आपको सेलिब्रिटी और बड़े-बड़े नेताओं के इलाज करने के रूप में अपने आपको स्थापित किया है।

छोटे-मोटे मरीजों का तो वह इलाज भी नहीं करते हैं, डॉक्टर त्रेहान के इलाज की इतनी महंगी फीस है कि आम मरीज मेदांता में भर्ती होने के लिए सोच भी नहीं सकता है। सही मायने में मेदांता अस्पताल न होकर एक 5 और 7 स्टार होटल के रूप में इन्होंने विख्यात कर दिया। अच्छे-अच्छे मरीजों को डॉक्टर त्रेहान से अपॉइंटमेंट लेने के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ता है। त्रेहान ने इसी मेदांता से इतनी शोहरत और दौलत कमाई कि वह खुद ही इंडस्ट्रियलिस्ट के रूप में शामिल हो गए।

लेकिन पिछले कुछ दिनों से देश-विदेश के इस नामचीन डॉक्टर की चमक फीकी पड़ चुकी है। त्रेहान आज खुद गुनाहों के दलदल में फंस चुके हैं । उनका गुनाह यह है, मेदांता अस्पताल के लिए जमीन आवंटन में अनियमितता के मेन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नरेश त्रेहान और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है। ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत यह मामला गुरुग्राम पुलिस ने दर्ज एफआइआर के आधार पर दर्ज किया है। यही नहीं गुरुग्राम पुलिस ने अस्पताल के सह-संस्थापक डॉ. त्रेहान समेत 16 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।

डॉ त्रेहान ने मेदांता को उत्तर भारत का सबसे महंगे अस्पतालों में लाकर शुमार कर दिया

गुरुग्राम में मेदांता हॉस्पिटल का निर्माण लगभग 16, 17 वर्ष पहले ही किया गया था। इसके संस्थापक डॉ नरेश त्रेहान ने इसको इतना आलीशान अब भव्य रूप दे दिया कि वह चंद सालों में ही देश और विदेश में लोकप्रिय होता चला गया। गौरतलब है कि दिल्ली के एम्स में निदेशक पद पर तैनात रहे डॉक्टर नरेश त्रेहान को विवादों के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। उसके बाद लगभग 15 वर्षों से डॉक्टर त्रेहान प्रबंध निदेशक और विश्व विख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में अपने मेदांता हॉस्पिटल को शिखर की ऊंचाई पर ले गए।

धीरे-धीरे त्रेहान ने मेदांता को उत्तर भारत का सबसे महंगा अस्पताल बना डाला। यही नहीं देश और विदेश से मेदांता में इलाज कराने के लिए मरीज सैकड़ों की संख्या में पहुंचने लगे। डॉक्टर त्रेहान की पहचान देश ही नहीं विदेशों में भी मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ यानी कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में बन चुकी थी । इनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि भारत सरकार ने इन्हें ‘पद्मश्री’ से भी नवाजा था। देश में पिछले कुछ महीनों से कोरोना महामारी को लेकर डॉ त्रेहान ने अपने आप को इसका एक्सपर्ट भी घोषित कर लिया है।

आए दिन डॉक्टर त्रेहान कई चैनलों में डिबेट में भाग लेते हुए मिल जाएंगे। लेकिन अब प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने से इनकी मुश्किल बढ़ सकती हैं। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद त्रेहान सफाई देते फिर रहे हैं। हालांकि अभी जांच चल रही है, आने वाले दिनों में सच्चाई जो भी होगी वह खुलकर सामने आ ही जाएगी कि त्रेहान दोषी है या निर्दोष हैं, बहरहाल देश भर में उनकी छवि धूमिल हो ही गई है। मेदांता और डॉक्टर त्रेहान को लेकर पहले भी कई मरीजों ने इनके खिलाफ शिकायतें की थी, लेकिन इनके रसूख के चलते वह मामला दब कर रह गया था।‌

जमीन आवंटन को लेकर है यह पूरा मामला

हम आपको बता दें कि डॉक्टर त्रेहान के खिलाफ जो रिपोर्ट दर्ज हुई है वह जमीन आवंटन को लेकर है। हरियाणा सरकार ने 2004 में सार्वजनिक उद्देश्य से स्थानीय लोगों को उनकी जमीन से बेदखल कर दिया था, जिसे अभी सेक्टर 38 कहा जाता है। इसके बाद राज्य सरकार ने हुडा के तहत एक मेडिसिटी प्रोजेक्ट के लिए विज्ञापन निकाला। इसके तहत इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के सुपर-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, मेडिकल इंस्टीट्यूट और रिसर्च सेंटर बनाए जाने थे। शिकायत में कहा गया है कि नियमों को ताक पर रखकर केवल अस्पताल बनाकर छोड़ दिया गया।

सरकारी अधिकारियों ने डॉ. त्रेहान और सुनील सचदेवा, अतुल पुंज, अनंत जैन को फायदा पहुंचाया गया। सरकारी अधिकारियों ने मेडिसिटी की पूरी जमीन त्रेहान को आवंटित कर दी थी। दूसरी ओर डॉ नरेश ने इन पूरे मामले को झूठा बताया है। त्रेहान ने बताया कि यह वही मामला है, जिसे गुरुग्राम पुलिस ने ईडी को सौंपा है। शिकायत करने वाले रमन शर्मा के खिलाफ पहले से ही अवैध वसूली के मामले दर्ज हैं, उसकी शिकायत उत्पीड़न के अलावा और कुछ नहीं है। मामले की पुलिस जांच कर रही है। आने वाले दिनों में सच्चाई उजागर हो जाएगी लेकिन फिलहाल देश के नामचीन और रसूखदार चिकित्सक पर दाग तो लग ही गया है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार