अजमेर। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने अजमेर के साहित्यकार सुरेश बबलानी को साहित्य अकादमी का सदस्य मनोनीत किया है। मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ दिल्ली के कुछ साहित्यकारों को मनोनीत किया गया।
साहित्य अकादमी एक स्वायत्तशासी संस्था है जिसकी स्थापना 1952 में हुई है और भारतीय भाषाओं के साहित्य का प्रकाशन प्रतिवर्ष कराती है। इसकी सहायता के लिए हर भाषा का एक सलाहकार बोर्ड होता है जिसकी समय अवधि 5 वर्ष होती है। बबलानी को इसमें सिंधी भाषा के सलाहकार बोर्ड के सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया है जिसकी अवधि 2027 तक होगी।
बबलानी ने सिंधी भाषा में साहित्य की सेवाएं 1997 से प्रारंभ की तथा उनकी पहली अनुदित पुस्तक 2000 में प्रकाशित हुई थी। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से सिंधी साहित्य में पीएचडी की डिग्री भी प्राप्त करने वाले बबलानी की स्वरचित 16 पुस्तकें, सिंधी से हिंदी एवं हिंदी से सिंधी अनुवाद की 9 पुस्तकें, सिंधी की अरबी फारसी लिपि से देवनागरी लिप्यंतरण की पुस्तकें 6 प्रकाशित हो चुकी हैं तथा 6 पुस्तकों का संपादन किया है।
बबलानी ने अब तक कुल 37 पुस्तकों की रचना की है, इनमें से 32 पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। उल्लेखनीय बात यह है कि बबलानी ने सिंधी नाटक के इतिहास पर काम किया है जिसके दो भाग हैं वह अभी प्रकाशनाधीन है।