रांची । झारखंड की राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने बच्चों को संभावनाओं का भंडारा बताया और कहा कि उन्हें किसी का अनुगामी बनने से बेहतर है कि वे अपना रास्ता एवं मंजिल खुद तय करें।
मुर्मू ने आज यहां डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित चांसलर ट्रॉफी एथलेटिक मीट प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि एक-एक बच्चा संभावनाओं का भंडार है, कोई किसी से कम या अधिक नहीं। उन्होंने नसीहत दी कि किसी का अनुगामी बनने से ज्यादा अच्छा है अपना रास्ता और मंजिल खुद तय करना। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे अनुशासन, संयम और ईमानदारी से प्रयास करें तो वे कठिन से कठिन उपलब्धि भी आसानी से हासिल कर लेंगे।
कुलाधिपति ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। यदि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल, व्यायाम एवं योग से जुड़ी गतिविधियों में उसी उत्साह से हिस्सा लें तो निश्चित रूप से उनका तन-मन स्वस्थ होगा।