अजमेर। राजस्थान के अजमेर जिले की प्यास बुझाने वाला एक मात्र बीसलपुर बांध में पानी का स्तर केवल 307.08 मीटर रह गया है और नियम के अनुसार इसमें से 299 मीटर तक पानी ही लिया जा सकता है। ऐसी स्थिति में बीसलपुर बांध के जरिए पानी की उपलब्धता पंद्रह अगस्त तक ही रहे सकेगी।
विभाग के अधीक्षण अभियंता अरविंद अजमेरा के अनुसार भीषण गर्मी को देखते हुए जिले के लिए वर्तमान में 265 एमएलटी पानी लिया जा रहा है। जिसमें से 116 एमएल अजमेर शहर के लिए 21 एमएल ब्यावर के लिए, 20 एमएल. किशनगढ़ के लिए, साढ़े आठ एमएलटी केकड़ी के लिए तथा शेष जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को आपूर्ति की जा रही है।
उन्होंने बताया कि विभाग का प्रयास है कि 72 घंटे की अंतराल पर जिले में पानी की आपूर्ति को बनाए रखा जाए। यही कारण है कि जयपुर मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद अगले माह जिले के लिए 270 एमएलटी पानी लिया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि मार्च में 250 एमएलटी तथा अप्रैल माह में 260 एमएलटी पानी बांध के जरिए लिया गया है।
उन्होंने जनता से अपील की है कि वे जागरूक नागरिक का दायित्व निभाते हुए पानी की बर्बादी रोकने का प्रयास करें ताकि पानी की कमी को दूर किया जा सके। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि यदि आने वाले वर्षों में जिले में मानसून कमजोर रहा तो अगस्त के बाद बीसलपुर बांध से पानी लिया जाना मुश्किल हो सकता है।
उन्होंने बताया कि पानी की आपूर्ति के लिए 200 टैंकर से ज्यादा इस काम में जुटे हुए हैं। साथ ही अजमेर शहर के चार क्षेत्रों में ट्यूबवेल भी खोदे गए हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में अजमेर संसदीय क्षेत्र के लिए हुए मतदान के पहले भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने पानी के संकट से मुक्त कराने का चुनावी मुद्दा बनाया था।
कांग्रेस के रिजु झुनझुनवाला तो अजमेर की पेयजल समस्या का स्थाई समाधान का ‘वचनपत्र’ भी मतदान पूर्व जारी कर चुके हैं। जिले में पानी की समस्या मूंहबाए खड़ी है। लोकसभा चुनाव परिणामों में जो भी प्रत्याशी सांसद बनेगा उसके लिए अजमेर जिले में पानी की समस्या ही सबसे पहली और प्रमुख चुनौती होगी।