नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू (64) देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी। वह इस पद पर पहुंचने वाली आदिवासी समाज की पहली नेता हैं। मुर्मू ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को भारी अंतर से हराया। मुर्मू देश की राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला है। इससे पहले प्रतिभा पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति चुनी गई थी।
मतगणना के नतीजों के औपचारिक घोषणा होने से पहले ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार मुर्मू ने विपक्षी उम्मीदवार के खिलाफ काफी बड़ी बढ़त बना ली थी और उन्हें देशभर से बधाईयां मिलनी शुरू हो गई थीं।
राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी और राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने गुरूवार देर रात मतगणना पूरी होने के बाद मुर्मू को निर्वाचित घोषित किया। उन्होंने कहा कि मुर्मू को पहली प्राथमिकता वाले 2824 मत मिले हैं जबकि सिन्हा को पहली प्राथमिकता वाले 1877 मत मिले हैं। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू के मत मूल्य 676803 जबकि सिन्हा के मत मूल्य 380177 रहे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए 528491 मत मूल्य की जरूरत थी जबकि मूर्मू को इससे कहीं अधिक मत मिले हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए निर्वाचन अधिकारी की हैसियत से मुर्मू को देश की नई राष्ट्रपति निर्वाचित घोषित करता हूं। राष्ट्रपति चुनाव में गत सोमवार को मत डाले गए थे। मोदी ने बताया कि चुनाव में कुल 4754 मत पड़े थे जिनमें से 4701 वैध पाए गए थे जबकि 53 निरस्त पाए गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने देश के सूदूर पूर्वी इलाके के एक गांव में पैदा एक आदिवासी महिला को 1.3 अरब की आबादी वाले विशाल लोकतंत्र के सर्वोच्च पद के लिए चुन कर आज एक इतिहास रचा है।
इस चुनाव में मुर्मू को राजग में शामिल दलों के अलावा कई विपक्षी दलों के सांसदों और विधायकों का भी समर्थन मिला। मतगणना के रुझानों से यह झलक मिली कि जनप्रतिनिधियों का उनकी पार्टी लाइन से ऊपर उठकर समर्थन मिला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर मुर्मू का समर्थन करने वाले सांसदों और विधायकों को धन्यवाद देते हुए ट्वीटर पर कहा कि उनकी जीत हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है।
मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मुर्मू को जीत की बधाई देने वाले पहले लोगों में थे। दोनों नेताओं ने नई दिल्ली में मुर्मू के निवास स्थान पर जाकर उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट किया और जीत की बधाई दी। विपक्ष के उम्मीदवार सिन्हा ने मतगणना की अंतिम घोषणा से पहले ही मुर्मू को जीत की बधाई दे दी थी।
र्मू का जीवन संघर्ष पथ से शिखर पर पहुंचने की उतार-चढ़ाव भरी एक यात्रा की कहानी है। उन्होंने मयूरभंज जिले के आदिवासी गांव में जन्म लेकर जीवन के प्रारंभिक संघर्षों के बीच पढ़ाई और सरकारी नौकरी की और अध्यापन कार्य किया। उनका राजनीतिक जीवन 90 के उत्तरार्ध में शुरू हुआ, जब उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली और स्थानीय निकाय में पार्षद बनीं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को सम्पन्न हो रहा है। उनके बाद इस संवैधानिक पद और सेना के सर्वोच्च कमांडर का दायित्व मुर्मू के हाथ में होगा।