काकिनाडा । मनोचिकित्सा के जानेमाने प्रोफेसर एवं भारतीय मनोरोग सोशायटी की आंध्र प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ. रवि शंकर ने कहा कि आज के समाज के युवाओं के बीच बढ़ती मानसिक बीमारियों के लिए नशीली दवाओं की बुरी आदत मूल कारण है।
डॉ. शंकर ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता सप्ताह के तहत यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भारत में युवाओं में खतरनाक अनुपात में नशे की लत की प्रवृत्ति बढ़ रही है। नशे के आदी लोग कई अनचाही घटनाओं में शामिल हो रहे हैं जिसपर समाज के सभी वर्गाें के लोगों को गंभीर रूप से ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि घरेलू समस्याएं, अकेलापन जैसी कुछ समस्याएं युवा पीढ़ी के दिमाग पर गंभीर प्रभाव डालते हैं। समाज को पूरी गंभीरता से समस्या को देखना चाहिए और उपचार के उपायों को खोजना चाहिए। बुजुर्गों को अपने बच्चों की दिमागी स्थित और कमजोरी के बारे में पता होना चाहिए और अधिक जिम्मेदारी के साथ उनके मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए।
डॉ. रवि शंकर ने बताया कि माता-पिता को उनके बच्चों की मानसिक स्थिति पर लगातार निगरानी चाहिए और उन्हें मानिसक तनाव एवं विकृतियों से दूर रखना चाहिए।