अजमेर। अजमेर में नकली दवाओं के काल कारोबार के खिलाफ कडी कार्रवाई करते हुए औषधि नियंत्रक विभाग ने इसमें लिप्त मेडिकल स्टोर का लाइसेंस रद्द करते हुए बडी कार्रवाई अंजाम दी।
एडीसी ईश्वर यादव ने बताया कि इस मामले में हरिश मेडिकल और हरिश मेडिकल एजेंसी का लाइसेंस रद्द किया गया है। नकली बिल और नकली बैंक स्टेटमेंट प्रस्तुत करने के चलते हरिश चंचलानी और उसकी पत्नी के खिलाफ आईपीसी 420, 467, 468 समेत अन्य धाराओं के तहत क्लाक टावर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
उन्होंने बताया कि पहले हरिश खुद हरिश मेडिकल का मालिक था तब उसके यहां से नारकोटिक्स ड्रग्स पकडी गई थी, तब मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले में क्लाक टावर थाना कोर्ट में चालान पेश कर चुका है।
उन्होंने बताया कि हरिश मेडिकल का लाइसेंस नकली और नशीली दवाओं के क्रय विक्रय के कारण रद्द हो जाने के बाद आरोपी ने फिर वही काम फिर शुरू कर दिया। आरोपी ने अपनी पत्नी के नाम से हरिश मेडिकल एजेंसी नाम से भी दुकान ले रखी थी।
फरवरी 2017 में एक सूचना मिली थी कि एक नकली क्रीम बेची जा रही है। यह माल गंगानगर और हनुमागढ में बेचे जाने की जानकारी मिली। इस बारे में जांच के दौरान पता चला की इसकी सप्लाई अजमेर से हुई है। हरिश मेडिकल से इस बाबत पूछताछ हुई तो उसने भ्रमित किया।
इस बीच उक्त क्रीम का निर्माण करने वाली कंपनी ने सैंपल जांच करने के बाद क्रीम के नकली होने की पुष्टि की। हरिश मेडिकल ने कंपनी के दिल्ली और अहमदाबाद के जो बिल प्रस्तुत किए गए वे भी फर्जी पाए गए।