नयी दिल्ली । सरकार ने आज राज्यसभा में आश्वासन दिया कि जैव ईंधन बनाने के लिये खाद्यान्न गेंहू, चावल और मक्का के इस्तेमाल की अनुमति सशर्त दी गयी है और इसके कारण देश में अनाज की कमी नहीं होने दी जाएगी।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धमेंद्र प्रधान ने बुधवार को सदन में एक पूरक सवाल के जवाब में कहा कि नयी राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति का उद्देश्य आयायित ईंधन पर निर्भरता घटाना और किसानों की आदमनी दुगुनी करना है। इसी को ध्यान में रखकर सरकार ने टूटा चावल, गेंहू तथा मक्का से जैव ईंधन बनाने की अनुमति दी है। इससे किसानों को आय के अन्य स्रोत उपलब्ध हो सकेगा।
उन्होेंने कहा कि नयी नीति में यह तय किया गया है कि केवल ऐसे खाद्यान्न का इस्तेमाल जैव ईंधन के लिए किया जाएगा जो मानव के इस्तेमाल करने के योग्य नहीं है।