सबगुरु न्यूज़, मुंबई | अभिनेत्री दिव्यज्योति शर्मा ने बताया कि वह अपने जीवन में पांच वर्षो तक अवसाद से पीड़ित रह चुकी हैं। मनोरंजन उद्योग में शामिल होने से पहले के अपने जीवन के बारे में दिव्यज्योति ने बताया, मैं हमेशा से एक अभिनेत्री बनना चाहती थी। मैं दिल्ली में थिएटर करती थी लेकिन परिवार की जिम्मेदारियों ने करियर पर रोक लगा दी। दुर्भाग्यपूर्ण कारणों से तलाक के बाद, मैंने मुंबई आने और अपना भाग्य आजमाने का फैसला लिया।उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता था कि तलाक के बाद मेरी जिंदगी मुझे कहां ले जाएगी और कलाकार बनना मेरी एकमात्र उम्मीद थी। वर्ष 1998 में, मैं सपनों के इस शहर में आई और अपना घर खरीदा, और तब इस बारे में मैंने अपने माता-पिता को बताया।
उन्होंने बताया कि हालांकि उनके लिए अपने पैरों पर खड़ा होना आसान नहीं था।उन्होंने कहा, तलाक के बाद मैं जिंदगी में आगे कदम बढ़ाने के लिए साहस नहीं जुटा पा रही थी। एक अजीब शहर में जाने के मेरे साहसी प्रयास के बावजूद, मैं पांच वर्षो तक अवसाद में रही।
इसके बाद उनकी मां ने किशोर नामित के अभिनय संस्थान में शामिल होने की राय दी।उन्होंने कहा, वर्ष 2002 में, मैंने दाखिला लिया और पाठ्यक्रम के दौरान ही मुझे आशा भोंसले द्वारा गाए एक संगीत वीडियो ‘संगीत उत्सव’ की पेशकश की गई।
दिव्यज्योति ने एक हजारों में मेरी बहना है, इच्छाप्यारी नागिन और दिल बोले ओबरॉय जैसे धारावाहिकों में काम किया। इसके साथ वह चॉक एन डस्टर और ‘बैंक चोर’ जैसी फिल्मों में भी दिखाई दीं।