देश की राजधानी दिल्ली में भले ही कोरोना के मामलों पर अभी तक नियंत्रण नहीं लग पाया है लेकिन एक बार जरूर है कि राजधानी के लोगों को पिछले कई दिनों से यहां की आबोहवा शुद्ध साफ नजर आ रही है।
देश की राजधानी ने ऐसी तस्वीर कई वर्षों बाद देखी है। सड़कों पर कोई प्रदूषण नहीं है। अभी कुछ माह पहले दिल्ली में भारी प्रदूषण का मामला कई दिनों तक देशभर में सुर्खियों में छाया हुआ था। दिल्ली में लगातार प्रदूषण बढ़ने पर देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार समेत पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों को तलब भी किया था।
यहां हम आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली की गिनती दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में होती है। प्रदूषण कम करने के लिए सरकारी मशीनरी ने करोड़ों रुपये बहाए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इन दिनों देश में लॉकडाउन है, रेल, बस और विमान सेवाओं के साथ ही कंपनियों में भी काम बंद है। ऐसे में लॉकडाउन का असर दिल्ली की आबोहवा पर पड़ता दिख रहा है। यही नहीं दिल्ली के साथ देश के तमाम शहरों में प्रदूषण बहुत कम नजर आ रहा है।
दिल्लीवासियों ने इतनी साफ हवा कई वर्षों बाद देखी है
दिल्ली की हवा इन दिनों यूरोपीय देशों की तरह साफ हो गई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स घटकर पीएम 10 से लेकर 2.5 तक पहुंच गया है। यह स्तर यूरोपियन देशों के बराबर माना जा रहा है। आपको जानकारी दे दें कि लगभग 10 वर्ष पहले दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम में राजधानी की हवा को साफ करने के लिए करोड़ों रुपए पर खर्च किए थे तब भी दिल्लीवासियों को ऐसा नजारा दिखाई पड़ा था।
लेकिन इस बार लॉकडाउन होने की वजह से राजधानी की आबोहवा बिना पैसे खर्च किए ही साफ नजर आई आ रही है जिससे लोगों को उत्साहित हैं। आज भले ही सड़कों पर फ्री होकर घूम नहीं पा रहे हैं लेकिन अधिकांश लोग घरों से ही साफ हवा का नजारा सुबह शाम ले रहे हैं । इतनी स्वच्छ हवा के लिए दिल्ली को 10 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा।
दिल्ली की हवा इतनी स्वच्छ हो सकती है, इसकी कल्पना न यहां रहने वाले लोगों ने की थी और न ही सरकारों ने की होगी। यह सब लॉकडाउन की वजह से हुआ है ।आज भले ही लोग घरों में रहने को मजबूर है लकिन उनको दिल्ली की शुद्ध आबोहवा घर बैठे बिठाए एक वरदान के रूप में मिल गया है। वैसे इस समय राजधानी के अधिकांश लोग सोच रहे हैं कि अगर यह लॉकडाउन अभी 15 दिन और चलेगा तो साफ जाहिर है कि राजधानी की हवा और साफ होगी जिससे लोगों को राहत मिलेगी।
देश भर की नदियां भी साफ हो गई हैं
पिछले 21 दिनों से जारी देशभर में लॉकडाउन होने की वजह से कई नदियां इस समय शुद्ध साफ नजर आ रही हैं। जिसमें यमुना-गंगा का पानी एकदम कल कल करता हुआ नजर आ रहा है। इन दोनों नदियों का पानी पिछले कई वर्षों के बाद इतना साफ नजर आया है ।गंगा का पानी भी काफी साफ हो गया है। इसमें ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ गई है। सालों तक काफी खर्च करने पर भी यह नहीं हुआ और अब ये नदियां सिर्फ लॉकडाउन की वजह से साफ हो गईं।
वर्ष 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार आई थी तब गंगा को शुद्ध साफ करने के लिए एक अलग मंत्रालय और करोड़ों रुपए का बजट निर्धारित किया गया था, लेकिन तब तक 6 वर्ष हो चुके हैं गंगा और यमुना की स्थिति वही बनी हुई है, न साफ हुई न कोई योजना खास आगे बढ़ सकी लेकिन इस बार सरकारों के बिना पैसा खर्च किए ही यह नदियां साफ हो गई हैं।
लॉकडाउन से गंगा और यमुना का प्रदूषण भी काफी कम हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार गंगा में औद्योगिक कचरा नहीं गिरने से रियल टाइम वॉटर मॉनिटरिंग में ऑक्सीजन घुलने की मात्रा प्रति लीटर 6 एमजी से अधिक, बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड 2 एमजी प्रति लीटर और कुल कोलीफार्म का स्तर 5000 प्रति 100 एमएल हो गया है। इसके अलावा गंगा और उसकी सहायक नदियों में पीएच का स्तर भी सुधरा है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार