नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण कानून से संबंधित उसके फैसले से देश में दुर्भावना, क्रोध एवं असहजता का भाव पैदा हुआ है।
केंद्र सरकार की ओर से शीर्ष अदालत के समक्ष लिखित तौर पर रखे गये पक्ष में एटर्नी जनरल ने इसे बहुत ही संवेदनशील मसला बताते हुए कहा कि न्यायालय के फैसले से देश में क्षोभ, क्रोध और उत्तेजना का माहौल बना है, साथ ही आपसी सौहार्द का वातावरण भी दूषित हुआ है।
वेणुगोपाल ने कहा कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के अपने-अपने अधिकार सन्निहित हैं और इनका उल्लंघन नहीं किया जा सकता।