दुमका। झारखंड में दुमका की एक विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म करने से संबंधित सात साल पुराने मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
दुमका के प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायालय के न्यायाधीश रमेश चंद्रा की अदालत ने शुक्रवार को गोपीकांदर थाना कांड संख्या 14/2015 में भादवि की धारा 376(एफ) और पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत दोषसिद्ध आरोपी मुखिया हांसदा को आजीवन कारावास के साथ 20 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई।
जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। इस मामले में सरकार की ओर से प्रभारी लोक अभियोजक चम्पा कुमारी ने पैरवी की और बहस में हिस्सा लिया। अभियोजन की ओर से न्यायालय में नौ गवाह पेश किए गए।
प्रभारी लोक अभियोजक ने बताया कि गोपीकांदर थाना क्षेत्र निवासी छह वर्षीय नाबालिग पीड़िता के पिता के लिखित आवेदन पर भारतीय दंड विधान की धारा 376(एफ) और पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत पाकुड़ जिले के महेशपुर थाना क्षेत्र के आला गांव निवासी मुखिया हांसदा के विरुद्ध गोपीकांदर कांड संख्या 14/2015 दर्ज की गई थी।
आरोपी वर्तमान में दुमका जिले के गोपीकांदर थाना क्षेत्र के चिरुडीह गांव में अपने मामा के घर रह रहा था। दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक सूचक की करीब छह वर्षीय नाबालिग पुत्री को अकेली पाकर आरोपी मुखिया हांसदा ने 12 अप्रैल 2015 को अपराह्न करीब चार बजे जबर्दस्ती पकड़ कर दुष्कर्म किया।