डूंगरपुर। राजस्थान के डूंगरपुर में शिक्षक भर्ती में अनारक्षित पदों को आरक्षित करने की मांग को लेकर हिंसक हुए प्रदर्शनकारी अब अपनी तीन प्रमुख मांगों की शर्त के साथ हाइवे पर नहीं उतरने का फैसला किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कंकरी डूंगरी पर जनजाति संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता की और जिसमें तय किया गया कि उनकी प्रमुख तीन मांगे हैं जिनमें प्रर्दशन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने, गिरफ्तार लोगों को छोड़ने एवं 1167 रिक्त पदों पर अनुसूचित जन जाति अभ्यर्थियों को नियुक्ति शामिल है। इन मांगों को मान लेने पर प्रदर्शनकारी हाइवे पर नहीं उतरेंगे। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि सरकार के सामने उनकी ये तीन प्रमुख मांगे हैं और उनके पांच सदस्य सरकार के साथ उदयपुर में होने वाली बैठक में भाग लेंगे।
प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल के वार्ता करने के बाद डूंगरपुर में फिलहाल कहीं से उपद्रव की खबर नहीं आई हैं लेकिन बताया जा रहा है कि उदयपुर जिले के आसपुर स्टेट हाइवे पर डाबेला में रास्ता जाम कर दिया गया है।
उधर प्रतापगढ़ जिले के धरियावद, पीपलखूंट एवं अरनोद उपखंड तथा उदयपुर जिले ऋषभदेव क्षेत्र में भी आगामी चौबीस घंटों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए हाइवे एवं आस पास के क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया हुआ हैं। प्रदर्शन के दौरान दो दर्जन से अधिक वाहनों को आग लगा दी गई तथा कई जगहों पर तोड़फोड़ भी की गई है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को अनुसूचित जाति वर्ग से भरने की मांग को लेकर कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर गत सात सितंबर से प्रदर्शन किया जा रहा था जो 24 सितंबर को हिंसक हो गया था।