नई दिल्ली। संस्कृति मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिले 1200 से भी अधिक स्मृति चिन्हों की शनिवार से ई नीलामी शुरू करेगा जो दो अक्टूबर तक चलेगी।
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को यहां संस्कृति और संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा संस्कृति एवं विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी की मौजूदगी में कहा कि इससे पहले 2019 तथा 2021 में भी प्रधानमंत्री को मिले उपहारों तथा स्मृति चिन्हों की नीलामी की गई थी।
उन्होंने कहा कि 2019 में भी खुली नीलामी के जरिये इन वस्तुओं को लोगों के लिए रखा गया था। उस समय 1805 उपहारों को नीलामी के पहले दौर में रखा गया था और दूसरे दौर में 2772 उपहार रखे गए थे। वर्ष 2021 में भी सितंबर में ई-नीलामी का आयोजन किया गया, जिसमें हमने नीलामी के लिए 1348 वस्तुएं रखी थीं।
इस वर्ष लगभग 1200 स्मृति-चिह्नों और उपहारों को नीलामी के लिए रखा गया है। स्मृति-चिह्नों को नई दिल्ली के राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है। इन वस्तुओं को वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है।
नीलामी के लिए रखी जाने वाली वस्तुओं का विवरण देते हुए रेड्डी ने कहा कि नीलामी में रखे गए स्मृति-चिह्नों में शानदार पेंटिंग्स, मूर्तिकला, हस्तशिल्प और लोक कलाकृतियों को शामिल किया गया है। इनमें से कई वस्तुओं को पारंपरिक रूप से उपहार में दिया गया है, जैसे पारंपरिक अंगवस्त्रम, शॉल, पगड़ी-टोपी, रस्मी तलवारें।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा अन्य आकर्षक स्मृति-चिह्नों में अयोध्या के श्रीराम मंदिर तथा वाराणसी के काशी-विश्वनाथ मंदिर की अनुकृतियां शामिल हैं। खेलों से जुड़े अनेक दिलचस्प समृति-चिह्नों को भी इसमें शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल 2022, डेफलिम्पिक्स 2022 और थॉमस कप चैम्पियनशिप 2022 में टीम-इंडिया के शानदार प्रदर्शन ने हमें इतिहास में दर्ज कराया और हमने तमाम पदक जीते। टीमों और खेलों में विजेताओं ने जो स्मृति-चिह्न भेंट किये, उन्हें ई-नीलामी में रखा गया है। नीलामी की इस श्रेणी में 25 नए खेल स्मृति-चिह्न हैं।
रेड्डी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने भारत की जीवन-रेखा नमामि गंगे के जरिये गंगा के उद्धार जैसे पवित्र ध्येय के लिए अपने उपहारों की ई-नीलामी का निर्णय किया है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे उदार मन से नीलामी में हिस्सा लें और इस पवित्र ध्येय के लिए योगदान करें।
मेघवाल ने कहा कि पिछली नीलामी में हर राज्य और मूल के लोगों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था और लोगों से आग्रह है कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिले प्रतिष्ठित उपहारों और स्मृति-चिह्नों की नीलामी में इस बार भी हिस्सा लें। लेखी ने विभिन्न स्मृति-चिह्नों के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे यह ई-नीलामी लोगों को नमामि गंगे में योगदान करने का शानदार अवसर प्रदान करती है।
इस अवसर को और रुचिकर बनाने के लिये आम जनता के लिए गाइडेड टूर की व्यवस्था भी की गई है। साथ ही श्रवण बाधित लोगों के लिए सांकेतिक भाषा में पर्यटन की व्यवस्था भी की गई है। इसी तरह दृष्टिबाधित लोगों के लिए ब्रेल लिपि में पुस्तिकाओं को भी उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदर्शनी क्षेत्र जनता के लिए 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक खुला रहेगा। इसमें प्रवेश नि:शुल्क है। नीलामी में जो धनराशि जमा होगी, उसे नमामि गंगे कार्यक्रम के पवित्र ध्येय के लिए लगाया जाएगा। लोगाें को ई नीलामी में हिस्सा लेने के लिए पंजीकरण करना होगा।