अजमेर। स्मार्ट सिटी अजमेर बनने जा रहे इस शहर में विकास के नाम पर भले ही काम के दावे किए जा रहे हो लेकिन आम जरूरतमंदों की समस्याएं जस की तस बनी हुई है। खासकर ई रिक्शा वाले इस बात को लेकर परेशान है कि उनके लिए आज दिन तक स्टेण्ड तक घोषित नहीं किए गए हैं। यहां वहां अपना ई रिक्शा खडा कर देते हैं तो पुलिस परेशान करती है।
अपनी इसी परेशानी को लेकर बुधवार को अजमेर ई रिक्शा संस्था के बैनर तले चालकों ने कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि अजमेर में रिक्त पडे साइकिल स्टेंडों पर ई रिक्शाओं को खडा करने की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए क्यों ईरिक्शा चालक ही पूर्व में साइकिल रिक्शा चालक थे। साइकिल रिक्शा बेचकर तथा बैंक से लोन लेकर ईरिक्शा खरीदकर चला रहे हैं।
ईरिक्शाओं के लिए शहर में कहीं भी स्टेंड निर्धारित नहीं होने से परेशानियां उठानी पड रही हैं। हम घुमक्कड का जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं। किसी आॅटो या अन्य स्टेंड पर हमें खडा नहीं होने दिया जाता। कई बार इसी बात को लेकर परस्पर हाथापाई की नौबत आ जाती है। पुलिस भी मौका मिलते ही आर्थिक शोषण करने से नहीं चूकती।
संस्था के अध्यक्ष प्रदीप तेजी ने बताया कि बीते साल 15 जुलाई को होटल मेरवाडा स्टेट में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के जनसुनवाई कार्यक्रम में भी हमने अपनी परिवेदना प्रस्तुत की थी। तब हमें आश्वस्त किया गया था कि इस समस्या का निराकरण जल्द कर दिया जाएगा। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। नगर निगम ने के जरिए हमें जो स्वीकृति मिली है वह पुराने साइकिल रिक्शा स्टेंड के नाम से है इसमें ई रिक्शा का कोई उल्लेख नहीं है। कृपा कर साइकिल रिक्शा स्टेंडों को ईरिक्शा स्टेडों के नाम से स्वीकृत कराने का श्रम करें।
ज्ञापन देने वालों में सचिव रिजवान खान, कोषाध्यक्ष शेर सिंह शेखावत, रमेश जटिया समेत बडी संख्या में ईरिक्शा चालक शामिल रहे।