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चंडीगढ़ | शुक्रवार से चंडीगढ़ में सामानों की मूवमेंट के लिए ई-वे बिल लागू होने जा रहा है जो उपभोक्ताओं के लिए नया सिरदर्द बन सकता है।
अप्रत्यक्ष कर विशेषज्ञ केशव गर्ग के अनुसार इस नई व्यवस्था के तहत जब भी कोई उपभोक्ता 50 हजार रुपये से अधिक कीमत का सामान खरीदेगा, उसे विक्रेता से ई-बिल लेना होगा। ई-वे बिल वस्तुओं को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए जरूरी होगा और ई-वे बिल न होने की सूरत में तथा दूकानदार के जिम्मेदारी न लेने पर उपभोक्ता से उस वस्तु पर लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का 50 फीसदी जुर्माने के रूप में वसूला जा सकेगा।
‘भारत जीएसटी रेडी रेकनर‘ और ‘ए हैंडबुक ऑन जीएसटी‘ जैसी किताबों के लेखक गर्ग के अनुसार ई-वे बिल आभूषणों अथवा इस्तेमाल की जा चुकी वस्तुओं के मूवमेंट पर नहीं लगेगा। इसी तरह शराब, सब्जियों, फलाें अथवा जिन वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त रखा गया है उनके लिए ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होगी। गर्ग के अनुसार रेहड़ी, साइकल रिक्शा जैसे गैर मोटरीकृत वाहनों में सामान लाने-ले जाने पर ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होगी लेकिन टेंपो, ट्रक जैसे मोटरीकृत वाहनों में सामान ढोने पर ई-वे बिल लगेगा। विशेषज्ञों के अनुसार इससे गैर मोटरीकृत वाहनों में सामान लाने-ले जाने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।
गर्ग के अनुसार इस तरह जीएसटी के तहत सिर्फ व्यावसायिक इकाइयां ही नहीं बल्कि उपभोक्ता भी कवर होता है और उसे जीएसटी कानून के प्रावधानों के पालन के प्रति सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि इसी के साथ लोगों को तैयार रहना चाहिए कि कभी भी उनके वाहन (कार आदि) को रोका जा सकता है, यदि उसमें कुछ सामान ढोया जा रहा है तथा ई-वे बिल दरयाफ्त किया जा सकता है।
उन्होंने इसे इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार के संगठित स्वरूप की संज्ञा दी है।