जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण फैलने से इन्कार करते हुए कहा है कि सरकार उद्योग व्यापार एवं मजदूरों के हितों को ध्यान में रखकर लॉकडाउन में छूट देने पर विचार कर रही है।
गहलोत ने रविवार को यहां वीडियो काेंफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि जयपुर के रामगंज क्षेत्र में इस महामारी को फैलने से रोकने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हाॅस्टल, अस्पताल, होटल के अलावा एक खेल के मैदान को भी महाराष्ट्र की तर्ज पर अस्पताल के रूप में तब्दील किया जा रहा है। कोरोना की जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है। भीलवाड़ा मॉडल के अनुरूप रामगंज को भी कोरोना मुक्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
गहलोत ने लाॅकडाउन के चलते श्रमिकों एवं गरीबों को हो रही परेशानियों पर सहमति जताते हुए कहा कि किसी को भूखा नहीं सोने दिया जाएगा, इसके लिए जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बारे में केन्द्र से नए दिशा निर्देश आने तथा राज्य सरकार की दो उच्चाधिकार प्राप्त समितियों की रिपोर्ट के आधार पर लॉकडाउन में छूट पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मजदूरों एवं उद्योग व्यापार के हितों को ध्यान में रखकर लॉकडाउन में छूट दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गयी है। इसलिए केन्द्र सरकार को राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये की सहायता देनी चाहिए। यह राशि जीएसटी कौंसिंल के फार्मूला के आधार पर बांटी जा सकती है।
गहलोत ने कहा कि राज्य को अप्रैल में 15 प्रतिशत राजस्व ही प्राप्त हुआ है, इस लिहाज से केन्द्रीय मदद की सख्त जरूरत है। साथ ही राज्य सरकार के कर्जों पर छह महीने के लिए ब्याज नहीं वसूला जाना चाहिए। उन्होंने पीपीई किट की उपलब्धता के सवाल पर कहा कि इसकी प्रदेश में कोई कमी नहीं है।