नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान मंगलवार को हुई व्यापक हिंसा और बंगाल नवजागरण के नायक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने के मद्देनजर सख्त कदम उठाते हुए राज्य की शेष नौ लोकसभा सीटों के लिए चुनाव प्रचार पर निर्धारित समय से एक दिन पहले ही रोक लगाने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही विवादों में घिरे राज्य के अपराध जांच विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) राजीव कुमार और गृह विभाग के प्रधान सचिव अत्री भट्टाचार्य को कार्यमुक्त कर दिया गया है।
उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार ने पत्रकारों को बुधवार को यहां बताया कि कोलकाता में कल हुई हिंसा की घटना को देखते हुए राज्य के प्रभारी चुनाव आयुक्त और दो पर्यवेक्षकों भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी अजय नारायण और भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी विवेक दुबे की रिपोर्ट के आधार पर अंतिम चरण के मतदान वाले नौ लोकसभा क्षेत्रों में किसी भी तरह के चुनाव प्रचार, रैली, जनसभा और प्रचार की दृष्टि से तैयार फिल्मों, नाटकों और मनोरंजन के कार्यक्रमों पर गुरुवार रात 10 बजे से रोक लगा दी गई है, ताकि निष्पक्ष, स्वतंत्र और हिंसा रहित मतदान संभव हो सके।
चंद्र भूषण कुमार ने बताया कि कल रात 10 बजे से होटलों और सार्वजनिक या निजी स्थानों पर शराब या किसी अन्य नशीले पदार्थों के सेवन एवं बिक्री आदि पर भी रोक लगा दी गयी है। आयोग ने महान समाज सुधारक और शिक्षाशास्त्री ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त किये जाने पर भी गहरी चिंता व्यक्त की।
उप चुनाव आयुक्त संदीप जैन ने बताया कि राजीव कुमार को कार्यमुक्त कर गृह मंत्रालय भेज दिया गया है और उन्हें कल सुबह 10 बजे रिपोर्ट करने को कहा गया है। राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव अत्री भट्टाचार्य को भी कार्यमुक्त कर दिया गया है और उनका कामकाज राज्य के मुख्य सचिव संभालेंगे।
गौरतलब है कि 19 मई को अंतिम चरण में राज्य की नौ लोकसभा सीटों पर मतदान होना है, जिनमें दमदम, बारासात, कोलकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, बशीरहाट, जयनगर और जादवपुर सीटें शामिल हैं।
तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलकर कोलकाता में हिंसा की घटना की शिकायत की थी और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। भाजपा ने कल शाम ही मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलकर कोलकाता की हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था और कार्रवाई की मांग की थी।
उल्लेखनीय है कि शाह के कोलकाता रोड शो के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस ने एक दूसरे को, जबकि कांग्रेस ने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया था।