पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से दो वर्ष पूर्व आयोजित इंटरमीडियेट परीक्षा के टॉपर घोटाला मामले में पहली बार प्रवर्तन निदेशालय ने किंगपीन अमित कुमार उर्फ बच्चा राय के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी चार करोड़ 53 लाख रुपए की संपत्ति को जब्त कर लिया है।
ईडी के आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि बिहार पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था जिसके आधार पर काले धन को सफेद करने के कानून के तहत यह कार्रवाई की गयी है। इस मामले में जेल में बंद बच्चा राय की पत्नी और पुत्री को ईडी ने चार बार सम्मन देकर पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन कोई भी पेश नहीं हुआ।
घोटाले के मुख्य आरोपी बच्चा राय की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी और अन्य परिजन वैशाली जिले के लालगंज स्थित अपने घर को छोड़कर फरार हैं। पूछताछ के लिए ईडी की टीम ने गांव में बच्चा राय के घर पर नोटिस चस्पा किया था लेकिन बावजूद इसके कोई भी सदस्य ईडी के सामने पेश नहीं हुआ।
मुख्य आरोपी बच्चा ने अवैध तरीके से अर्जित अपनी अकूत संपत्ति को जमीन खरीदने में लगाया है। इसके अलावा उसके निवेश किये जाने से संबंधित कई दस्तावेज और बैंक का पासबुक भी ईडी को मिले हैं। बच्चा राय वैशाली जिले के लालगंज में काले धन की कमाई से जमीन खरीदी थी और वह विशुनदेव राय कॉलेज, भगवानपुर का प्रबंध निदेशक सह मुख्य कर्ताधर्ता भी था।
बच्चा राय अपने कॉलेज के छात्र-छात्राओं को माध्यमिक परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने के बदले मोटी राशि वसूला करता था। इसके लिए वह बीएसईबी के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद को भी राशि का हिस्सा पहुंचाता था। प्रसाद भी इस मामले में जेल में बंद हैं।
वर्ष 2016 के मई माह में इंटरमीडियेट परीक्षा का परिणाम आया था जिसमें वैशाली जिले के बिशुनदेव राय कॉलेज के कई छात्र टॉपर की सूची में शामिल थे। इसी कॉलेज की रूबी राय कला संकाय की टॉपर बनाई गई थी।