पुणे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।
प्रवर्तन निदेशालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि देशमुख को देश से भागने से रोकने के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। ईडी अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने देशमुख को कई समन भेजे जिन्हें उन्होंने नजरअंदाज किया है।
यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने इस मामले में देशमुख को अनिवार्य कार्रवाई से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। पूर्व गृह मंत्री ने इससे पहले 02 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख कर एजेंसी के समन को रद्द करने की मांग की थी, हालांकि याचिका पर तुरंत सुनवाई नहीं की गई थी।
ईडी अभी तक देशमुख को इस मामले में पांच समन जारी कर चुकी है। देखमुख ने हालांकि सभी समन को नजरअंदाज किया और एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए। उन्होंने कहा था कि वह इस मामले में कानून के तहत उचित राहत प्रदान करने की मांग कर रहे हैं।
ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा देशमुख के खिलाफ दायर भ्रष्टाचार के मामले के आधार पर उनके और अन्य के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया। देशमुख पर गृह मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है। उन पर बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के मार्फत मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपए की उगाही करने का भी आरोप है। धनशोधन के मामले में देशमुख के परिवार द्वारा नियंत्रित एक शैक्षिक ट्रस्ट, नागपुर स्थित श्रीसाईं शिक्षण संस्थान को गलत तरीके से पैसे भेजे गए।
पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इसके बाद सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 05 अप्रैल के फैसले के आधार पर 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। देशमुख ने हालांकि अपने ऊपर लगे इन आरोपों का खंडन किया है। जांच रिपोर्ट लीक होने को लेकर सीबीआई ने उनके दामाद से पहले पूछताछ की थी।