बेंगलुरु। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने विदेशी सहयोग विनियमन अधिनियम के कथित उल्लंघन के मामले में यहां एमनेस्टी इंटरनेशनल (इंडिया) फाउंडेशन के कार्यालय की तलाशी ली जिसने 36 करोड़ रुपए की विदेशी करेंसी हासिल की थी और कानून का उल्लंघन करते हुए इसमें से कुछ हिस्से का लेन-देन में इस्तेमाल किया था।
ईडी ने यहां अपने बयान में कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से एफसीआरए, 2010 के तहत अनुमति/पंजीकरण करने से इन्कार कर दिया था। उन्होंने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एआईआईपीएल) के नाम पर फ्लोटिंग वाणिज्यिक इकाई द्वारा एफसीआरए अधिनियम को दरकिनार किया है।
इस इकाई को अभी तक 36 करोड़ रुपए वाणिज्यिक माध्यमों से विदेशी धन प्राप्त हुआ है। अभी तक प्राप्त 36 करोड़ रुपये में से 10 करोड़ रुपए का दीर्घ अवधि का ऋण मिला है। इस धनराशि को तुरंत सावधि जमा (एफडी) और अन्य भारतीय इकाइयों में रखा गया है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट ने 14.25 करोड़ रुपये के ओवरड्राफ्ट सुविधा भी रखी थी, जिसमें 10 करोड़ रुपये के एफडी को अतिरिक्त के रूप में रखा गया था। शेष 26 करोड़ रुपए ‘परामर्शदात्री सेवा’ के रूप में एआईआईपीएल के अन्य बैंक खातों से मिले हैं। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में एआईआईपीएल में गुरुवार से बेंगलुरु कार्यालय में तलाशी और जांच चल रही है।