मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक में धोखाधड़ी उजागर होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी के दफ्तरों, शोरूम और वर्कशाप पर छापेमारी की। ईडी ने नीरव मोदी के मुंबई, सूरत और नई दिल्ली स्थित दफ्तरों, शोरूम और वर्कशाप पर छापे मारे।
ईडी के अधिकारियों ने बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स में भारत डायमंड बॉर्स में फायरस्टार डायमंड प्राइवेट लिमिटेड के मुख्यायल, कुर्ला पश्चिम स्थित कोहिनूर सिटी में मोदी के निजी दफ्तर, उनके शोरूम, दक्षिण मुंबई में फोर्ट स्थित इट्स हाउस में बुटिक और लोअर परेल में पेनिंसुला बिजनेस पार्क स्थित वर्कशाप में छापेमारी की।
गुजरात के सूरत में ईडी के अधिकारियों ने सचिन टाउन स्थित सूरत एसईजेड में छह हीरे की शिल्पशालाओं की तलाशी ली। इसके अलावा यहां हीरे के जेवरात के एक बड़े केंद्र रिंग रोड स्थित वेल्जियम टावर में एक दफ्तर पर भी ईडी का छापा पड़ा।
नई दिल्ली के चाणक्यपुरी और डिफेंस कॉलोनी में मोदी की दो हीरों की दुकानों पर भी ईडी अधिकारियों ने छापे मारे।
पीएनबी में 11,515 करोड़ रुपए के घपले में नीरव मोदी की कंपनियों और बैंक की मुंबई स्थित एक प्रमुख शाखा (ब्रैडी हाउस शाखा) के कुछ अन्य खातों की संलिप्तता उजागर होने के एक दिन बाद बड़े स्तर कार्रवाई शुरू की गई है।
पीएनबी के कम से कम दस बैंक कर्मियों को निलंबित किया गया है। लेकिन, पीएनबी की कर्ज अनुमति कमेटी या निदेशक मंडल से कोई इनमें शामिल है या नहीं, यह अभी साफ नहीं हुआ है।
पीएनबी घपले में धनशोधन के मामले भी शामिल हैं। सीबीआई ने पिछले सप्ताह मोदी और उनकी पत्नी एमी और भाई निशाल व मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
इससे पहले पीएनबी ने 29 जनवरी को 280 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी को लेकर इन चारों के खिलाफ शिकायत की थी। यह धोखाधड़ी का मामला 2011 का है।
बताया जाता है कि मोदी ने पीएनबी व अन्य बैंकों को लिखा था कि वह बकाये की वापसी कर देंगे। गौरतलब है कि मोदी का कारोबार भारत के अलावा यूरोप, अमरीका, मध्यपूर्व व सुदूर पूर्व में भी है।
इस घोटाले की रकम विजय माल्या के 9,000 करोड़ रुपए का भुगतान करने से मुकरने से बड़ी है। बैंकों को चूना लगाने के ये मामले तब उजागर हो रहे हैं जब बैंकों के डूबे हुए कर्ज को लेकर भारतीय बैंकिंग प्रणाली सवालों के दौर से गुजर रही है।