नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने 2006 के भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम होटल रखरखाव संविदा मामले में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद के दामाद राहुल यादव को अपनी सास व बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को एक करोड़ रुपये का ऋण देने के मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया है। ईडी इस मामले में राहुल से बुधवार को पूछताछ करेगा।
ईडी राबड़ी देवी को दिए गए धन के स्रोत के बारे में जानना चाहता है। उसे संदेह है कि इस राशि का प्रयोग पटना में तीन एकड़ जमीन खरीदने के लिए किया गया।
एजेंसी ने 45 करोड़ की कीमत वाली इस जमीन को लालू प्रसाद और उनके परिजनों के विरुद्ध धनशोधन के एक अन्य मामले में पिछले वर्ष 8 दिसंबर को जब्त कर लिया था।
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि हमने राबड़ी देवी को ऋण दिए जाने के संबंध में राहुल यादव को पूछताछ के लिए कल (बुधवार को) बुलाया है। राहुल यादव, लालू प्रसाद की बेटी रागिनी यादव के पति हैं।
अधिकारी ने कहा कि हम उस पैसे के स्रोत के बारे में जानना चाहते हैं, जो राबड़ी देवी को ऋण के रूप में दिया गया था।
एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार यह मामला डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा धनशोधन से जुड़ा हुआ है। अधिकारियों को संदेह है कि 2010-11 और 2012-13 के बीच इसी पैसे का प्रयोग डिलाइट मार्केटिंग के शेयरों को खरीदने में किया गया।
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से मामले में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तेजस्वी, उनके पिता व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता लालू प्रसाद व परिवार के अन्य लोगों के खिलाफ जांच की जा रही है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो की ओर से प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने 27 जुलाई को पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया। एजेंसी इस मामले में कथित तौर पर फर्जी कंपनियों के जरिए पैसे की हेराफेरी की भी जांच कर रही है।
सीबीआई ने 5 जुलाई को लालू, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के विरुद्ध भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम के रांची और पुरी में स्थित दो होटलों के ठेके 2006 में एक निजी कंपनी को दिलवाने में कथित अनियिमिताओं के लिए लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
सीबीआई के मुताबिक ठेके विजय और विनय कोचर के स्वामित्व वाले सुजाता होटल्स को दिए गए थे, जिसमें लालू परिवार को कथित तौर पर रिश्वत के बदले में बिहार में प्रमुख स्थान पर एक भूखंड दिया गया था।
सीबीआई के अनुसार वर्ष 2014 तक, लालू प्रसाद के परिजनों ने डिलाइट मार्केटिग के सभी शेयरों को मात्र 64 लाख रुपए में खरीद लिया। इस कंपनी का नाम बाद में बदलकर लारा प्रोजेक्ट कर दिया गया जो बाद में लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप कंपनी बन गई।
इस मामले में अहलूवालिया कांट्रैक्टर्स के प्रमोटर बिक्रमजीत सिंह अहलूवालिया, जिनसे मामले में पूछताछ भी की जा चुकी है, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता और आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पीके गोयल भी आरोपी हैं।
धनशोधन के एक अन्य मामले में वित्तीय जांच एजेंसी लालू यादव की बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेश से कई बार पूछताछ कर चुकी है।