नई दिल्ली। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बुधवार को यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर पूर्व विदेश राज्य मंत्री एवं पूर्व पत्रकार एमजे अकबर तथा तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल की सदस्यता निलंबित कर दी।
गिल्ड ने बयान जारी कर बताया कि उसने अकबर द्वारा महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में अदालत का फैसला आने तक उनकी सदस्या निलंबित कर दी है। साथ ही गिल्ड ने बलात्कार के मामले में जेल में बंद तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल की भी सदस्यता को निलंबित करने का फैसला लिया है।
बयान में बताया कि गिल्ड ने कार्यकारी समिति से विचार मांगे थे कि वर्तमान में निष्क्रिय सदस्य अकबर, इसके पूर्व अध्यक्षों में से एक तेजपाल तथा वरिष्ठ पत्रकार गौतम अधिकारी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए?
इस मामले में अकबर के वकील द्वारा कारण बताओं नोटिस के जवाब को भी कार्यकारी समिति के सदस्यों के साथ साझा किया गया, जिसका जवाब देते हुए कार्यकारी समिति के अधिकतर सदस्यों ने अकबर तथा तेजपाल की सदस्यता को निलंबित करने का सुझाव दिया।
गिल्ड के बयान में बताया गया कि गिल्ड के पदाधिकारियों ने कार्यकारी समिति की टिप्पणियों पर चर्चा की और इस पर सहमति जताई कि अदालत के मामले में निष्कर्ष निकलने तक अकबर की सदस्या निलंबित की जानी चाहिए। इसी तरह से गिल्ड के पदाधिकारियों ने तेजपाल की भी सदस्यता निलंबित करने का फैसला लिया।
उल्लेखनीय है कि अकबर राजनेता बनने से पहले प्रसिद्ध पत्रकार थे और मी टू अभियान के तहत कम से कम 20 महिला पत्रकारों ने उन पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है, जिसके कारण उन्हें 17 अक्टूबर को विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अकबर ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पहली महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर रखा है।